कौनसी बीमारी कब और कहां घेर ले यह कोई नहीं जानता. बाहर अचानक कुछ हो जाए तो लोग बचाने आ सकते हैं, लेकिन अगर घर में कोई बड़ी दिक्कत हो जाए तो इसके लिए घर में कुछ दवाईयों का होना बहुत आवश्यक है. ऐसे में इस आक्समिक आपदा के लिए हमें खुद ही तैयार रहने की जरूरत हैं. घर में कब क्या इमरजेंसी आ जाए इसके लिए सतर्क होने की जरूरत है. इसलिए हम आपको बताने जा रहे हैं उन दवाईयों के बारे में जो घर में जरूर होनी चाहिए, क्योंकि इमरजेंसी में यह बहुत काम आती हैं।
गैस, खांसी, जुकाम, सर्दी लगना, दर्द, फीवर, डायबिटीज, मधुमेह, ब्लड प्रेशर, थाइरॉयड, गर्भनिरोधक और पीरियड्स जैसी समस्याएं आम हैं. ऐसे में यह कब हो जाए किसी को नहीं पता रहता है लेकिन हम छोटी-मोटी प्रॉब्लम को घर के फर्स्ट एड बॉक्स से हैंडल कर सकते हैं।
पैरासिटामोल- पैरासिटामोल, बुखार और बदन दर्द में कारगर दवा मानी जाती है और ये आपको बाजार में कई नाम से मिल जाएंगी जैसे काल्पोल, पेरासीप आदि। आप इनमें से किसी भी दवा को घर पर रख सकते हैं। जब बात बच्चे की होती है तो पैरासिटामोल सिरप ले सकते हैं। हां अपनी तसल्ली के लिए डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं।
सिनारेस्ट- सर्दी ज़ुकाम जैसी फ्लू या वायरल में कारगर दवा मानी जाती है। आप सिटरीजिन भी खा सकते हैं। अगर बात करें सर्दी-जुकाम को आयुर्वेदिक तरीके से दूर करने की तो आप जोशीना भी ट्राई कर सकते हैं।
एन्ट्रोक्विनोल या फिर नॉरफ्लोक्स- पेट खराब या दस्त लगने की समस्या पर आपके लिए ये दो दवाइयां बेहद कारगर मानी जाती हैं। इस गोली के सेवन से आपका खराब से खराब पेट ठीक हो जाता है लेकिन एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
पुदीन हरा- बदहज़मी का शिकार लोगों के लिए इससे बेहतर उपाय कोई और नहीं हो सकता है। पुदीन हरा आपके पेट में ठंडक देने के साथ-साथ बड़ी से बड़ी एसिडिटी को पल भर में दूर कर सकता है।
आइबुप्रोफेन- इस दवाई को तेज दर्द और बुखार की समस्या में लिया जाता है।
एसिटामिनोफेन- घर में बच्चे हैं तो इस दवाई को जरूर एड बॉक्स में शामिल करें, क्योंकि यह बच्चों को दर्द और बुखार में दी जाती है।
एंटीहिस्टामाइन- नाक बहना, लगातार छींक आना और खुजली जैसी समस्याओं के लिए इस दवाई को घर में जरूर रखें।
आंख और नाक में एलर्जी की दवाई भी आपके फर्स्ट एड बॉक्स में होनी जरूरी है. इसके अलावा खांसी और सर्दी के लिए कफ सिरप, एंटीबायोटिक्स, पट्टी, एंटीसेप्टिक क्रीम और बुखार मापने के लिए घर में थर्मामीटर रखना जरूरी है।
हर कोई चाहता है कि उसे दवा कभी न खानी पड़े लेकिन जरूरत पड़ने पर दवाइयां जान बचाने वाली साबित हो सकती है, इसलिए उसकी एक्सपायरी हमेशा देख के रखें। अगर गोली के पास ही लिखी हो तो एक साफ़ कागज़ पर सब दवाइयों की एक्सपायरी और उपयोग साफ़ अक्षरों में लिखें ताकि घर में कोई भी समझ सके।
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