नई दिल्ली। एक तरफ कोरोना संकट काल चल रहा है तो दूसरी तरफ तिहाड़ जेल में कैदियों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी होती जा रही है। इससे जेलों के अंदर बुरा हाल होता जा रहा है। इतिहास में पहली बार यहां कैदियों की संख्या 20 हजार से पार हो गई है जबकि क्षमता 10 हजार 26 कैदियों को ही रखने की है। कई जेलों में तो कैदियों की संख्या क्षमता से चार गुना से भी अधिक पहुंच गई है।
सूत्रों का कहना है कि कोरोना काल और उपर से बढ़ती गर्मी। अगर जेल प्रशासन ने समय रहते कैदियों को रखने के लिए कोई और अनुकूल इंतजाम नहीं किए तो यह समस्या आने वाले दिनों में कई कैदियों की जिंदगी के लिए भी भारी पड़ सकती है। सबसे बड़ी परेशानी तिहाड़ की जेल नंबर-1 और जेल नंबर-4 में आनी शुरू हो गई है। जहां कैदियों की संख्या क्षमता से चार गुना से भी अधिक पहुंच गई है।
अलग-अलग जेलों में ये हो गई है कैदियों की संख्या
मौजूदा समय में तिहाड़ की तीनों जेलों यानी तिहाड़, रोहिणी और मंडोली जेल में 10 हजार 26 कैदियों को रखने की क्षमता है। लेकिन 30 मार्च को कैदियों की हुई गिनती में इन तीनों जेलों में 20 हजार 41 कैदी मिले। अब तिहाड़ जेल कैंपस की बात करें तो 9 जेलों के इस कैंपस में 5200 कैदियों को रखने की क्षमता है।
यहां 13 हजार 587 कैदी बंद हैं। इसी तरह से जेल नंबर-10 यानी रोहिणी जेल में एक हजार 50 कैदियों को रखने की क्षमता है। लेकिन यहां बंद हैं एक हजार 733 कैदी। जबकि छह जेलों वाली मंडोली जेल में तीन हजार 776 कैदियों को रखने की क्षमता है। इन जेलों में चार हजार 721 कैदियों को रखा गया है। मंडोली की जेल नंबर-14 और 16 ही दो जेल ऐसी हैं। जहां क्षमता से लगभग कुछ कम कैदी बंद हैं।