लखनऊ। ऐतिहासिक चौरा-चौरी घटना के शताब्दी वर्ष को चिह्न्ति करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार कई कार्यक्रमों का आयोजन करेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि 4 फरवरी से शुरू हो रहे शताब्दी वर्ष के तहत सभी जिलों में एक साल तक समारोहों का आयोजन किया जाएगा। साथ ही उन्होंने 15 अगस्त, 2021 से शुरू होने वाले स्वतंत्रता के 75 वर्षों को चिह्न्ति करने के लिए अधिकारियों से एक कार्य योजना तैयार करने के लिए भी कहा है।
चौरी-चौरा की घटना 4 फरवरी, 1922 को ब्रिटिश शासन काल में तत्कालीन संयुक्त प्रांत (आधुनिक उत्तर प्रदेश) के गोरखपुर जिले के चौरी-चौरा में हुई थी। इसमें असहयोग आंदोलन में भाग लेने वाले प्रदर्शनकारियों का एक बड़ा समूह ओपन फायर कर रही पुलिस से भिड़ गया था। जवाबी कार्रवाई में प्रदर्शनकारियों ने हमला किया और एक पुलिस स्टेशन में आग लगा दी, जिससे उसके सभी कब्जेदार मारे गए। इस घटना में 3 नागरिकों और 22 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई।
हिंसा के सख्त खिलाफ महात्मा गांधी ने इस घटना के परिणामस्वरूप 12 फरवरी, 1922 को राष्ट्रीय स्तर पर असहयोग आंदोलन को रोक दिया था। मुख्यमंत्री ने कहा है कि चौरी-चौरा की घटना ने स्वतंत्रता आंदोलन को एक नई दिशा दी थी। उन्होंने कहा, आम जनता और युवा पीढ़ी को इस घटना के बारे में तथ्यात्मक जानकारी होनी चाहिए।
चौरी-चौरा शताब्दी समारोह के आयोजन के लिए राज्यपाल की अध्यक्षता वाली एक राज्य स्तरीय आयोजन समिति और मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली एक राज्य स्तरीय कार्यकारी समिति भी स्थापित की जानी चाहिए। उन्होंने सभी जिलों में शहीद स्मारक स्थलों पर पुलिस बैंड के साथ शहीदों को सलामी देने के निर्देश भी दिए हैं।
इस मौके पर राज्य सरकार केंद्र से एक विशेष डाक टिकट जारी करने का अनुरोध करेगी और रेलवे विभाग से चौरी-चौरा रेलवे स्टेशन पर एक मार्ग बनाने का अनुरोध करेगी। स्वतंत्रता सेनानियों और उनके परिवार के सदस्यों को भी सम्मानित किया जाएगा। चौरी-चौरा और स्वतंत्रता आंदोलन के शहीदों की घटनाओं से संबंधित साहित्य को इकट्ठा करके डिजिटल फार्म में लाएगी। योगी सरकार इस मौके पर लाइट एंड साउंड शो का आयोजन भी करेगी।