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Village Barasin Sultanpur: पकड़े जाने के डर से लगा दी नदी में छलांग

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सुलतानपुर। बल्दीराय के बरासिन गाँव में पुलिस ने शराब माफियाओ के विरुद्ध चलाए जा रहे धड़ पकड़ अभियान के तहत छापेमारी कर रही थी। उसी दौरान गोमती नदी के किनारे पत्ती काटने गए जयश्री (54) पुत्र राजबहादुर निवासी बरासिन ने पुलिस के डर से गोमती नदी में ही छलांग लगा दिया था जिसका अभी तक कोई सुराग नहीं लग पाया है। कल शाम लगभग 04 बजे बल्दीराय पुलिस अधिकारियों को यह जानकारी मिली तो स्थानीय पुलिस के हाथ पांव फूलने लगा। बताया जा रहा है कि नदी के किनारे ग्रामीण लोगों द्वारा अवैध रूप से कच्ची शराब की भट्ठियाँ चल रही है।

जिसके लिए पुलिस अपने दल बल के साथ छापे मारी के उद्देश्य नदी के कछार पर पहुँच गयी। जिसको देखकर उक्त व्यक्ति ने नदी में छलांग लगा दी और देखते देखते लापता हो गया। इस दृश्य को देखकर पुलिस दबे पांव वापस चली आई। लेकिन सुबह होते ही चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया। तब प्रशासन सहित पुलिस के आला अधिकारी गोमती नदी किनारे पहुंचकर गोता खोरो की मदद से ढूंढने की कार्यवाही में जुट गए। वही जय श्री के परिवारवालों के मुताबिक हाथ में कटवासा लेकर जय श्री बकरियों की पत्ती काटने गया था। अचानक पुलिस की घेराबंदी से घबराकर नदी में छलांग लगा दिया तथा कुछ ही देर में गायब हो गया।

जब सुबह चर्चाओं के बीच अपर पुलिस अधीक्षक विपुल कुमार श्रीवास्तव, बल्दीराय सीओ राजाराम चैधरी के साथ तहसीलदार व राजस्व टीम पहुंची तो नदी में जाल डालकर तथा कुछ गोताखोरों को लगाया गया। परंतु अभी तक नदी में छलांग लगाए हुए व्यक्ति का कुछ पता नहीं चल पाया जिससे गांव में जनाक्रोश तो बढ़ रहा है। लेकिन तरह तरह की चर्चाएं भी आम हो रही हैं। सूत्रों की माने तो जयश्री के सात बच्चे हैं। जिसमें पांच बेटियां और दो बेटे हैं। दो बेटियों की शादी के अतिरिक्त सारे बच्चे अविवाहित हैं और नदी में छलांग लगाने के बाद यदि कोई घटना घट जाती है पूरा परिवार बेसहारा हो जाएगा। वैसे पत्नी सुभद्रा की माने तो पुलिस की घेराबंदी के समय ही जयश्री ने नदी में छलांग लगाई और देख कर पुलिस वहां से रफूचक्कर हो गई।

यदि पुलिस कानून को सुदृढ़ बनाने के लिए कार्य करती है तो लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी नैतिक दायित्व बनता है। परंतु पुलिस के द्वारा छापेमारी के आधार पर कोई भी घटना संभव है, तो परिवार को गहरा आघात लग सकता है। यदि पुलिस उसी समय तत्परता से लगकर खोज कराई होती तो शायद अब तक उसका कोई सुराग लग गया होता। परंतु बल्दीराय पुलिस वाहवाही बटोरने के चक्कर में दबिश तो देती रही परंतु मानवता से व्यक्ति के प्रति संजीदगी नहीं रखी। पुलिस की कार्यशैली से जहां परिवार में कोहराम मचा हुआ है वहीं पर 7 बच्चों का परिवार अब बेसहारा हो चला। इस तरह परिवार के मुताबिक पुलिस का यह मानवीय चेहरा फिर से सवालों के घेरे में है।

पुलिस दबंगई से परेशान थे ग्रामीण

गांव वालों व जयश्री की पत्नी सुभद्रा देवी की माने तो पुलिस दबंगई से बेगुनाहों को भी ले जाकर परेशान करती है और अपनी बेटी शांति का विवाह गर्मी के मौसम में करने के लिए तैयारी बना रहे जयश्री का परिवार अब बेसहारा हो गया है। गरीबी की विभीषिका झेल रहे जयश्री के परिवार को अब कोई सहारा देने वाला भी नजर नहीं आ रहा है। यद्यपि इस गांव में शराब का कारोबार बहुत पुराने जमाने से होता चला रहा है। जिस लिए पुलिस बार बार यहां के लोगों को रास्ते पर लाने के लिए दबिश दे रही थी। इस दौरान बल्दीराय थानाध्यक्ष प्रभाकांत तिवारी द्वारा दबिश देने की बात को सिरे से खारिज किया जा रहा है कि पुलिस को इस बात की कोई जानकारी नहीं है। पुलिस की दबिश में इस तरह की कोई बात नहीं हुई।

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