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मेरठ में भीषण गर्मी के साथ बढ़ी पानी की किल्लत

pani ki killat

मेरठ। मेरठ में भीषण गर्मी के चलते शहर में पानी की किल्लत खड़ी हो गई है। सुबह भरी गई मकान की छत पर रखी पानी की टंकी दो से तीन घंटे में ही खाली हो जा रही है। पानी की मांग इतनी अधिक है कि निर्धारित जलापूर्ति से पूरी नहीं हो पा रही है। इसे देखते हुए जलकल अनुभाग ने जलापूर्ति का समय कुछ क्षेत्रों में 24 घंटे तो कुछ क्षेत्रों में 15 से 18 घंटे तक कर दिया है।
ये इलाके ज्‍यादा प्रभावित
भीषण गर्मी में शास्त्रीनगर बी ब्लाक, नौचंदी, रामबाग गणेश मंदिर क्षेत्र, गंगानगर के-3 पाकेट, नगर निगम कंपाउंड, डफरिन अस्पताल, जयभीम नगर, प्रहलाद नगर पुलिस स्टेशन क्षेत्र और आशियाना में पानी की मांग सबसे अधिक बढ़ गई है। यहां पर पानी की किल्लत को देखते हुए 24 घंटे नलकूप चलाकर जलापूर्ति शुरू कर दी गई है। इसी तरह कासमपुर, मुल्तान नगर, माधवपुरम, टीपीनगर, एल ब्लाक शास्त्रीनगर, सेक्टर दो व तीन शास्त्रीनगर, इंदिरा चौक क्षेत्र, पूर्वा अहिरान, वैशाली कालोनी, जागृति विहार सेक्टर चार और नौ आदि क्षेत्रों में पानी की किल्लत से निपटने के लिए 15 से 18 घंटे नलकूप चलाकर जलापूर्ति शुरू की गई है।
जलापूर्ति की व्यवस्था
जाग्रति विहार सेक्टर सात में रविवार को पेयजल किल्लत को देखते हुए यहां भी जलापूर्ति का समय बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा जलापूर्ति लाइनों के अंतिम छोर पर मौजूद मोहल्लों जैसे उत्तराखंड कालोनी, भोला रोड, गोलाबढ़, खड़ौली, पठानपुरा, कुंडा, परतापुर, शोभापुर आदि क्षेत्रों में भी पेयजल संकट की स्थिति से लोग जूझ रहे हैं। चूंकि इन मोहल्लों में जलापूर्ति की व्यवस्था ही आधी-अधूरी है। नई लाइनों में जलापूर्ति चालू नहीं हुई है। पूरानी लाइनों में पानी का प्रेशर कम है।
गंगाजल आपूर्ति अब दोपहर में भी
सर्किट हाउस, टाउनहाल, विकासपुरी और शर्मा स्मारक स्थित गंगाजल भूमिगत जलाशय की आपूर्ति से जुड़े मोहल्लों में दोपहर में भी गंगाजल आपूर्ति शुरू कर दी गई है। एक से डेढ़ घंटे अतिरिक्त गंगाजल आपूर्ति हो रही है, जबकि सुबह-शाम पहले से ही गंगाजल आपूर्ति की व्यवस्था है।
30 एमएलडी तक बढ़ी पानी की मांग
जून में शहर के 90 वार्डों अंतर्गत पानी की मांग 350 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रतिदिन) पहुंच गई है, जो सामान्य दिनों की तुलना में लगभग 30 एमएलडी अधिक है। दरअसल, गर्मी में पीने व घरेलू उपयोग के साथ-साथ कूलर के लिए भी पानी की जरूरत पड़ रही है। कुल 157 नलकूपों के जरिए करीब 305 एमएलडी और भोला की झाल स्थित 100 एमएलडी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से करीब 45 एमएलडी गंगाजल की आपूर्ति की जा रही है।

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