वक्फ संशोधन विधेयक पर विचार कर रही संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक के दौरान मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस के सासंद कल्याण बनर्जी ने पानी वाली कांच की बोतल तोड़कर समिति के अध्यक्ष जगदम्बिका पाल की तरफ फेंक दी। इसके बाद समिति ने उन्हें एक दिन के लिए निलंबित कर दिया। जानकारों के मुताबिक कल्याण बनर्जी को भाजपा के सदस्य अभिजीत गंगोपाध्याय के साथ तीखी बहस के बाद जो गुस्सा आया, वह उसी के वशीभूत होकर आपा खो बैठे और जेपीसी के अध्यक्ष की तरफ टूटी बोतल को फेंक कर इस बात का एहसास कराया कि उन्हें बैठक की संचालन व्यवस्था पर ऐतराज है। दरअसल कल्याण बनर्जी को इसी तरह का मानसिक दौरा पड़ता है तो वह राज्य सभा के सभापति उपराष्ट्रपति की नकल उतारने लगते हैं। कभी-कभी प्राधानमंत्री के खिलाफ अपमानजनक आचरण करने लगते हैं। लेकिन सच मानें तो कल्याण ने यह सब अभिनय अपनी पार्टी के एक विशेष वर्ग को खुश करने के लिए किया है। वह और उनकी पार्टी इस वर्ग विशेष को यह संदेश देना चाहती है कि वक्फ संशोधन विधेयक लाने की जरूरत ही नहीं है और जो जेपीसी इस विधेयक में संशोधन के लिए विचार करने के लिए बैठी है, उसकी भी जरूरत नहीं है। यद्यपि संसदीय समितियां लघु संसद के रूप में कार्यं करती हैं जहां सभी पार्टियों के दोनों सदनों के सदस्यों की संख्या के आधार पर प्रतिनिधित्व सुनिश्चित होता है। यह जेपीसी लोकसभा अध्यक्ष द्वारा नामित की गई है, किन्तु संसदीय समिति में जैसा शालीन व्यवहार करने की प्रथा रही है, कल्याण बनजा ने पार्टी हित के लिए उसके सर्वथा विरुद्ध व्यवहार किया, जिसका निषेधात्मक पारितोषिक भी उन्हें साथ-साथ देकर जेपीसी अध्यक्ष ने भी अपनी सक्रियता का प्रमाण दे दिया है, किन्तु अपने असंसदीय आचरण के लिए कल्याण बनर्जी सदैव जाने जाएंगे।