Best yoga for good memory in Hindi: दोस्तों अक्सर आपने देखा होगा कि ज्यादातर लोग कोई भी चाबी या किसी भी तरह का सामान कहीं पर रखते हैं और फिर उसे ढूंढने लगते हैं इसे कहते हैं शॉर्ट टर्म मेमोरी लॉस। इसके अलावा कई तरह की चीजें ऐसी भी है जिसे हम काफी देर तक भूल जाते हैं। इस प्रक्रिया को हम कहते हैं स्मरण शक्ति का कमजोर पड़ जाना।
जिन्हें इस चीज का पता चल जाता है वह अलग-अलग पद्धतियों के द्वारा इसका इलाज करते हैं अथवा दवाइयों का सेवन करते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि भारत की पुरातन परंपरा यानी योग में इसका सरल सटीक समाधान बताया गया है।
तो आज त्रिनाथ मिश्र आपको बताने वाले हैं कि आखिर हम ऐसे कौन से योग करें कि जिससे हमारी स्मरण शक्ति तेज हो जाए और हम छोटी छोटी चीजों को भूलने की गलती दोबारा ना करें।
Best yoga for good memory in Hindi : दिमाग के स्मार्ट शक्ति को बढ़ाने के लिए अथवा याददाश्त को मजबूत करने के लिए हमें शीर्षासन, पश्चिमोत्तानासन, स्वस्तिकासन,, मत्स्यासन और वृक्षासन करने चाहिए। इससे केवल दिमाग ही नहीं बल्कि शरीर के अन्य अंग भी तेजवान होते हैं।
दोस्तों Best yoga for good memory in Hindi के इस आलेख में आज हम आपको किन्ही पांच प्रकार के आसनों के बारे में विस्तृत रूप से बताने जा रहे हैं, इस पढ़ें और इसका नियमित अभ्यास करें-
शीर्षासन (Shirshasana)
शीर्षासन (Shirshasana) एक ऐसा योग है जिसका अभ्यास कर लेने पर याददास्त की समस्याएं हमेशा-हमेशा के लिए खत्म हो सकता है। शीर्षासन (Shirshasana) का चमत्कारिक परिणाम कई ग्रन्थों में बताया गया है। महर्षि घेरण्य ने ने भी इस आसन को मानसिक मजबूती का जरिया बताया है साथ ही साथ इसके दर्जनों अनेक फायदों का भी जिक्र किया है।
शीर्षासन कैसे करें? || How to do Shirshasana?
- शीर्षासन का अभ्यास तड़के सुबह करें। अभ्यास के दौरान पेट बिल्कुल खाली होना चाहिए, तभी यह आसन सही तरीके से हो पाएगा।
- वज्रासन मुद्रा में घुटनों पर बैठ जाएं इसके बाद अपने दोनों हाथों की अंगुलियों को इंटरलॉक कर लें और उन्हें जमीन पर बिछी चटाई पर रखें।
- अंगुलियों को इंटरलॉक करने के बाद हथेली को कटोरी के आकार में मोड़ें और धीरे से अपने सिर को झुकाकर हथेली पर रखें।
- अपने दोनों पैरों को ऊपर उठाएं और एकदम सीधे रखें। पैरों को ऊपर उठाने के लिए आप शुरुआत में दीवार या किसी व्यक्ति का सहारा ले सकते हैं।
- इस दौरान शरीर का संतुलन अच्छी तरह से बनाए तथा नीचे से ऊपर तक पूरा शरीर बिल्कुल सीधा होना चाहिए।
- अब 15 से 20 सेकेंड तक गहरी सांस लें और कुछ देर तक इसी मुद्रा में बने रहें।
- अब धीरे-धीरे सांस छोड़ें और और पैरों को नीचे जमीन पर वापस लाएं। इस आसन को तीन से चार बार दोहराएं।
अगर नीचे बताई गई समस्या से ग्रसित हैं तो शीर्षासन (Shirshasana) न करें-
- यदि आपका पेट पूरी तरह से भरा हो, शरीर में थकान हो, सिर दर्द या माइग्रेन की समस्या हो, तो इस आसन का अभ्यास न करें।
- यदि आपको उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, सेरेब्रल या कोरोनरी थ्रॉम्बोसिस एवं ग्लूकोमा की समस्या है, तो शीर्षासन का अभ्यास न करें।
- यदि आपके शरीर में अशुद्ध खून हो, तो इस आसन का अभ्यास न करें अन्यथा अशुद्धियां मस्तिष्क में भी पहुंच सकती हैं।
- सिर में ब्लड हेमरेज की समस्या, किडनी का रोग और स्लिप डिस्क की समस्या हो, तो इस आसन का अभ्यास करने से बचें।
- शीर्षासन की अंतिम मुद्रा में शरीर को उर्ध्वाधर रखें और पीछे या आगे की ओर न झुकाएं, अन्यथा शरीर का बैलेंस बिगड़ सकता है और आपको चोट भी लग सकती है।
- महिलाओं को मासिक धर्म और गर्भावस्था के दौरान शीर्षासन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
- यदि गर्दन में चोट लगी हो, तो शीर्षासन का अभ्यास न करें। इसके अलावा हार्निया, हाइपरटेंशन और मोटापे की समस्या से पीड़ित व्यक्तियों को भी इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
- यदि आपको चक्कर आ रहा हो, सिर में चोट लगी हो या तेज सिर दर्द हो रहा हो, तो शीर्षासन का अभ्यास न करें।
पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana)
साथियों, पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana) दो शब्दों से मिलकर पश्चिम और उत्तान। इसमें पश्चिम यानी पश्चिम दिशा या शरीर का पिछला हिस्सा और उत्तान मतलब खिंचा हुआ। Paschimottanasana को करने से रीढ़ की हड्डी से लेकर पैर के तलवों तक जोरदार असर पड़ता है साथ ही साथ दिमाग से जुड़ी हुई नसों में खिंचाव उत्पन्न होने स्मरण शक्ति के लिए इसे बेहतरीन बताया गया है।
पश्चिमोत्तानासन कैसे करें? || How to do Paschimottanasana?
- पैरों को सामने की ओर फैलाते हुए बैठ जाएँ,रीढ़ की हड्डी सीधी रहे, अंगुलियां तनी हुई।
- साँस भरते हुए दोनों हाथों को सिर के ऊपर उठाएँ और खींचे।
- साँस छोड़ते हुए,कूल्हों के जोड़ से आगे झुकें, ठुड्डी पंजों की ओर, रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए,घुटनो पर झुकने की बजाय अपना ध्यान पंजों की ओर बढ़ने पर केंद्रित करें।
- अपने हाथों को पैरों पर रखें,जहाँ भी वो पहुँचते हों,बिना अतिरिक्त प्रयास के। यदि आप अपने पंजो को पकड़कर खींच सके तो आपको आगे झुकने में मदद मिलेगी।
- साँस भरते हुए धीरे से सिर को उठाएँ ताकि रीढ़ की हड्डी में खीचाव पैदा हो जाए।
- साँस छोड़ते हुए हल्के से नाभि को घुटने की ओर ले जाएँ। प्रक्रिया को 2-3 बार दोहराएँ।
- सिर को नीचे झुका ले और 20-60 सेकंड तक गहरी साँस ले। हाथों को सामने की ओर फैलाएँ।
- साँस भरते हुए अपने हाथों की ताकत से वापस आते हुए आराम से बैठ जाएँ। साँस छोड़ते हुए हाथों को नीचे ले आएँ।
Paschimottanasana करने से पहले सुनिश्चित कर लें कि-
- आपकी हॅम्स्ट्रिंग्स में जकड़न या चोट न हो।
- पीठ या पीठ के निचले हिस्से में दर्द या चोट न हो।
- दमा अथवा दस्त की शिकायत होने पर इस आसन को न करें।
स्वस्तिकासन (Swastikasan)
दोस्तों Best yoga for good memory in Hindi की अगली कड़ी में हम स्वास्तिकासन के बारे में जानेंगे। आपको बता दें कि स्वास्तिक यानी शुभ या अनुकूल होना है। स्वस्तिकासन एकाग्रता का महत्वपूर्ण स्थान है। स्वास्तिक चिन्ह का प्रतीकात्मक स्वरूप है। कहीं कहीं यह जिक्र मिलता है कि यह विश्व में सर्वाधिक प्रचलित प्रतीक चिन्ह है। तो स्वास्तिक आसन का अर्थ आप आसानी से समझ गए होंगे।
स्वस्तिकासन कैसे करें? || How to do Swastikasan?
- जमीन पर चटाई बिछा लें, शरीर के सामने पैरों को सीधा फैलाकर बैठ जाएं।
- बायां घुटना मोड़ें और बाएं पैर के तलवे को दाहिने जांघ के भीतरी हिस्से से इस प्रकार सटाकर रखें कि एड़ी और मूलाधार में संपर्क ना हो।
- दाहिने घुटने को मोड़ने और दाहिने पंजे को बाईं पिंडली एवं जांघ के बीच इस प्रकार रखें कि एड़ी और जंगनाष्ठी के बीच कोई संपर्क ना रहे।
- बाएं पैर की उंगलियों को पकड़कर दाहिनी पिंडली और जांघ के बीच से ऊपर खींचने का प्रयास करें।
- शारीरिक स्थिति को व्यवस्थित कर आरामदायक बना ले। घुटने धरता पूर्वक जमीन पर जमा लें।
- मेरुदंड को सीधा कर ले। हाथों को ज्ञान मुद्रा में अपने घुटनों पर रखें।
Swastikasan करने से पहले ये सावधानी जरूर जान लें-
Swastikasan डायरिया होने पर या बीमार होने की अवस्था में न करें। यह आसन उन लोगों को नहीं करना चाहिए, जो साइटिका या मेरुदंड के निचले भाग के रोग से ग्रस्त हो। इसके अलावा इस आसन को आपको खाना खाकर नहीं करना चाहिए यानी खाली पेट ही इसका अभ्यास करें।
मत्सायन (Matsyasan)
दोस्तों सबसे पहले आपको बता देंगे मत्स्य का अर्थ होता है यानी कि इस आसन को करने के दौरान मनुष्य के शरीर का आकार मछली के जैसा हो जाता है अत: यह Matsyasan कहलाता है। यह आसन छाती को चौड़कर उसे स्वस्थ बनाए रखने में सक्षम है। प्लाविनी प्राणायाम के साथ इस आसन की स्थिति में लम्बे समय तक पानी में तैर सकते हैं। Matsyasan आरामदायक होता है और अपेक्षाकृत आसान भी होता है।
मत्सायन कैसे करें || How to do Matsyasan?
- योग मैट पर पीठ के बल लेट जाएं, आपकी टांगें जुड़ी रहें, जबकि आपके साथ आराम से शरीर से जुड़े रहें।
- अपनी हथेलियों को हिप्स के नीचे लगाएं, हथेलियां जमीन की तरफ रहेंगी। अब कोहनियों को एक-दूसरे के करीब लाने की कोशिश करें। कोहनियों की स्थिति कम के पास होगी।
- अपने पैरों की पालथी मार लें। जांघें और घुटने फर्श पर सपाट रहेंगे। सांस खींचते हुए सीने को ऊपर की तरफ उठाएं। सिर भी ऊपर की तरफ उठाएं, और सिर का ऊपरी हिस्सा जमीन को छूता रहेगा।
- शरीर का पूरा वजन कोहनियों पर रहेगा न कि सिर पर। जैसे-जैसे सीना उठेगा वैसे ही कंधों की मांसपेशियों पर हल्का दबाव पड़ेगा।
- इस स्थिति में तभी तक रहें जब तक आप सहज अनुभव करते रहे। सांसों की गति सामान्य बनाए रहें। सांस बाहर निकालें और पुरानी स्थिति में वापस लौटें।
- सबसे पहले सिर को उठाएं और उसके बाद सीने को जमीन पर वापस लाएं। टांगों को सीधा करें और विश्राम करें।
Matsyasan करने से पहले रखें ये सावधानियां:
Matsyasan को करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि छाती व गले में दर्द या अन्य कोई रोग न हो। यह आसन करते समय किसी तरह की जोर-जबरदस्ती न करें अन्यथा गर्दन में मोच आ सकती है। Matsyasan एक मिनट से पाँच मिनट तक ही करें।
वृक्षासन (Vrikshasana)
नाम से स्पष्ट है कि यह वृक्ष के जैसा दिखने वाला आसन है। यानी कि इस आसन को करते हुए मनुष्य का शरीर वृक्ष की भांति हो जाता है और इसके करने से उसे स्थायित्व की भी प्राप्ति होती है। इस योग मुद्रा के नियमित अभ्यास की आदत आपके शारीरिक संतुलन, स्थिरता में सुधार करने के साथ कोर, रीढ़ और पैर को मजबूत करती है। सभी आयु के लोग इस योग का अभ्यास आसानी से करके लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
वृक्षासन कैसे करें? || How to do Vrikshasana?
- जमीन पर सीधे खड़े हो जाएं और अपने हाथों को अपने शरीर के दोनों ओर रखें।
- अपने दाहिने घुटने को मोड़ें और दाएं पैर को अपनी बाईं जांघ पर रखें। यह ध्यान रहे कि आपके पैर का तलवा आपकी ईनर थाई पर सीधा रखा हो।
- इस दौरान आपका बायां पैर सीधा होना चाहिए ताकि आप शरीर का संतुलन बनाए रख पाएं। जब आप इस मुद्रा में होंगे तो गहरी सांस लेते रहें। अब अपने हाथों को अपने सिर के ऊपर उठाएं, और अपनी हथेलियों को एक साथ मिलाकर ‘नमस्ते’ मुद्रा में लाएं।
- जब आप आसन में हों, तो आपके सामने थोड़ी दूरी पर किसी भी वस्तु पर ध्यान केंद्रित करें। इस दौरान आपका पूरा शरीर एक स्ट्रेच होना चाहिए और रीढ़ को सीधा रखना चाहिए।
- अब 30 सेकेंड के लिए इस मुद्रा में रहें। सांस छोड़ते हुए आसन से सामान्य स्थिति में वापस आ जाएं। अब आसन के इन्हीं स्टेप्स को दूसरे पैर के साथ दोहराएं।
वृक्षासन (Vrikshasana) करने से पहले ये जानना जरूरी है–
Vrikshasana सामान्य तौर पर हर तरह से सुरक्षित है और इसका अभ्यास हर कोई कर सकता है। मगर यदि आपको उच्च रक्तचाप की समस्या है तो या आपको वर्टिगो या माइग्रेन की समस्या है, तो इस आसन को करने से बचें।
तो दोस्तों Best yoga for good memory in Hindi का यह लेख पढ़कर आपको वास्तव में अच्छा लगा होगा और मुझे उम्मीद है आप लोगों ने इन पांच तरह के योगाभ्यासों का प्रयोग कर अपनी स्मरण शक्ति को बढ़ाने में जरूर मदद पाई होगी। इस तरह के आलेख पाने के लिए आप हमारी वेबसाइट का शॉर्टकट लिंक अपने मोबाइल के स्क्रीन पर सेव कर सकते हैं।
Best yoga for good memory in Hindi में यदि कोई और ऐसा योग जो इसमें बताने से रह गया है उसके बारे में आप हमें eradioindia@gmail.com पर ई-मेल कर सकते हैं।
Best yoga for good memory in Hindi, 1 click deep knowledge
Best yoga for good memory in Hindi: Friends, often you must have seen that most of the people keep any key or any kind of stuff somewhere and then start looking for it, it is called short term memory loss. Apart from this, there are many things which we forget for a long time. We call this process the weakening of memory power.
Those who come to know about this thing, they treat it by different methods or consume medicines, but do you know that in the ancient tradition of India i.e. Yoga, its simple and accurate solution has been told.
So today we are going to tell you which era should we do so that our memory power becomes sharp and we do not make the mistake of forgetting such small things again.
Best yoga for good memory in Hindi : To increase the smart power of the mind or to strengthen the memory, we should do Shirshasana, Paschimottanasana, Swastikasana, Matsyasana and Vrikshasana. Due to this, not only the mind but other parts of the body also become sharp.
Friends, in this article of Best yoga for good memory in Hindi, today we are going to tell you in detail about any five types of asanas, read this and practice it regularly-
Shirshasana
Shirshasana is such a yoga that if practiced, the problems of memory can end forever. The miraculous results of Shirshasana have been described in many texts. Maharishi Gheranya has also described this asana as a means of mental strength, as well as mentioning dozens of its many benefits.
How to do headstand? , How to do Shirshasana?
- Practice headstand in the early morning. The stomach should be completely empty during the practice, only then this posture will be done properly.
- Sit on the knees in Vajrasana posture, after that interlock the fingers of both your hands and keep them on the mat lying on the ground.
- After interlocking the fingers, fold the palm in the shape of a bowl and gently tilt your head and place it on the palm.
- Raise both your legs up and keep them straight. You can initially take the support of a wall or a person to raise the legs.
- During this, the balance of the body should be maintained well and the whole body should be absolutely straight from bottom to top.
- Now take a deep breath for 15 to 20 seconds and remain in this posture for some time.
- Now exhale slowly and bring the feet back down to the ground. Repeat this asana three to four times.
If you are suffering from the following problems, then do not do Shirshasana-
- Do not practice this asana if you have a full stomach, body fatigue, headache or migraine.
- Do not practice headstand if you have high blood pressure, heart disease, cerebral or coronary thrombosis and glaucoma.
- If you have impure blood in your body, then do not practice this asana, otherwise the impurities can reach the brain as well.
- If there is a problem of blood hemorrhage in the head, kidney disease and slip disc problem, then avoid practicing this asana.
- In the final posture of the head posture, keep the body vertical and do not tilt backward or forward, otherwise the balance of the body may be disturbed and you may also get hurt.
- Women should not practice headstand during menstruation and pregnancy.
- Do not practice headstand if you have a neck injury. Apart from this, people suffering from the problem of hernia, hypertension and obesity should also not practice this asana.
- Do not practice Shirshasana if you feel dizzy, have a head injury or have a severe headache.
Paschimottanasana
Companions, Paschimottanasana consisting of two words Paschim and Uttan. In this, West means the west direction or the back of the body and Uttan means stretched. By doing Paschimottanasana, there is a strong effect from the spine to the soles of the feet, as well as it has been said to be excellent for memory power, generating tension in the nerves connected to the brain.
How to do Paschimottanasana?
- Sit with the legs extended in front, the spine should be straight, the fingers are stretched.
- While inhaling, raise and pull both the hands above the head.
- Exhaling, bend forward from the hip joint, chin towards the toes, keeping the spine straight, focus your attention on moving towards the toes instead of bending at the knees.
- Keep your hands on the feet, wherever they reach, without extra effort. If you can hold and pull your paws, it will help you lean forward.
- While inhaling, slowly raise the head so that a tension is created in the spine.
- While exhaling, lightly move the navel towards the knee. Repeat the process 2-3 times.
- Tilt the head down and take deep breaths for 20-60 seconds. Extend your hands in front.
- While inhaling, come back with the power of your hands and sit comfortably. While exhaling, bring the hands down.
Before doing Paschimottanasana, make sure that-
- Your hamstrings should not be tight or hurt.
- There should be no pain or injury in the back or lower back.
- Do not do this asana if there is a complaint of asthma or diarrhea.
Swastikasana
Friends, in the next episode of Best yoga for good memory in Hindi, we will learn about Swastikasana. Let us tell you that Swastika means to be auspicious or favorable. Swastikasana is an important place of concentration. The swastika is the symbolic form of the symbol. Somewhere it is mentioned that it is the most popular symbol in the world. So you must have easily understood the meaning of Swastik posture.
How to do Swastikasana? , How to do Swastikasan?
- Lay a mat on the ground, spread your legs straight in front of the body and sit.
- Bend the left knee and keep the sole of the left foot close to the inner part of the right thigh in such a way that there is no contact between the heel and the perineum.
- Bend the right knee and place the right paw between the left shin and thigh in such a way that there is no contact between the heel and the thigh.
- Holding the toes of the left foot, try to pull it up from the middle of the right shin and thigh.
- Make your physical condition comfortable. Keep your knees flat on the ground.
- Make the spine straight. Place your hands on your knees in Gyan Mudra.
Before doing Swastikasan, you must know these precautions-
Do not do Swastikasan in case of diarrhea or in case of illness. This asana should not be done by those people who are suffering from sciatica or diseases of the lower part of the spine. Apart from this, you should not do this asana after eating food, that is, practice it only on an empty stomach.
Matsyasan
Friends, first of all, let us tell you the meaning of Matsya, that is, while doing this asana, the shape of the human body becomes like that of a fish, hence it is called Matsyasan. This asana is able to widen the chest and keep it healthy. With Plavini Pranayama, one can swim in water for a long time in this position. Matsyasan is comfortable and also relatively easy.
How to do Fishing || How to do Matsyasan?
- Lie on your back on a yoga mat, your legs attached, while remaining comfortably attached to your body.
- Place your palms under the hips, palms facing the ground. Now try to bring the elbows closer to each other. The position of the elbows will be near low.
- Kick your feet. Thighs and knees will remain flat on the floor. While inhaling, lift the chest upwards. Raise the head also, and the top of the head will keep touching the ground.
- The entire body weight will be on the elbows and not on the head. As the chest rises, there will be slight pressure on the muscles of the shoulders.
- Stay in this position as long as you feel comfortable. Keep the breathing rate normal. Breathe out and return to the old position.
- First of all, lift the head and then bring the chest back to the ground. Straighten the legs and relax.
Keep these precautions before doing Matsyasan:
Before doing Matsyasan, make sure that there is no pain in the chest and throat or any other disease. Do not do any kind of force while doing this asana, otherwise there may be a sprain in the neck. Do Matsyasan for one minute to five minutes only.
Vrikshasana
It is clear from the name that it is a tree-like posture. That is, while doing this asana, the human body becomes like a tree and by doing this, he also gets stability. The habit of regular practice of this yoga posture improves your physical balance, stability and strengthens the core, spine and legs. People of all ages can easily get benefits by practicing this yoga.
How to do Vrikshasana? , How to do Vrikshasana?
- Stand straight on the ground and place your hands on either side of your body.
- Bend your right knee and place the right foot on your left thigh. Make sure that the sole of your foot is kept straight on your inner thigh.
- During this, your left leg should be straight so that you can maintain the balance of the body. While you are in this posture, keep taking deep breaths. Now raise your hands above your head, and bring your palms together in the ‘Namaste’ posture.
- When you are in the posture, focus on any object at a distance in front of you. During this, your whole body should be a stretch and the spine should be kept straight.
- Now stay in this posture for 30 seconds. Exhale and come back from the posture to the normal position. Now repeat these steps of the asana with the other leg.
Before doing Vrikshasana it is important to know-
Vrikshasana is generally safe in all respects and can be practiced by everyone. But if you have high blood pressure problem or you have vertigo or migraine problem, then avoid doing this asana.