हेल्थ डेस्क || ई-रेडियो इंडिया
Bird Flu Symptoms, History & Prevention: भारत में बर्ड फ्लू का कहर जारी है ऐसे में रिपोर्ट के मुताबिक 10 से अधिक राज्यों में बर्ड फ्लू ने अपना पांव पसार लिया है। बचाव के लिए सरकारें अलर्ट जारी कर रही हैं और लोगों को मीट, अंडा व चिकन से दूरी बनाने की अपील कर रहे हैं। दिल्ली में तो मांस की दुकानों को कुछ दिनों के लिए अस्थाई तौर पर बंद करने के आदेश जारी कर दिए गए है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि सबसे पहले यह जान लिया जाए कि आखिर बर्ड फ्लू है क्या चीज और यह कितना खतरनाक है?
बर्ड फ्लू यानी एवियन इन्फ्लूएंजा एक वायरल संक्रमण हैं जो पक्षियों के साथ मनुष्यों और अन्य जानवरों को संक्रमित करता है लेकिन इस वायरस की अधिकतर किस्में पक्षियों तक सीमित रहती हैं। यह वायरस इतने खतरनाक होते हैं कि इनकी चपेट में आने वाली पक्षी किसी भी कीमत पर बच नहीं पाते।
बर्ड फ्लू की दो कॉमन किस्में (स्ट्रेन) एच5एन1 और एच7एन9 पक्षियों से होते हुए मनुष्यों को संक्रमित कर देती हैं। जब मनुष्य बर्ड फ्लू से संक्रमित पक्षियों के सम्पर्क में आता है तो वह संक्रमित हो जाता है।
कुछ केसों में पाया गया कि ये वायरस मनुष्यों से मनुष्यों में फैला लेकिन यह कैसे हुआ एक रहस्य है और इस पर शोध चल रहा है। विशेषज्ञों का कहना है यह वायरस भविष्य में अगली महामारी की वजह बन सकता है। अभी तक हमारे देश में इस वायरस से किसी मनुष्य के संक्रमित होने का कोई मामला सामने नहीं आया है।
बर्ड फ्लू की दो कॉमन किस्में (स्ट्रेन) एच5एन1 और एच7एन9, ये दोनों स्ट्रेन मनुष्यों के गले, नाक और फेफड़ों पर अटैक करते हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के अनुसार मनुष्यों में इस वायरस का पता पहली बार हांगकांग में सन 1997 में चला था तब इससे संक्रमित व्यक्तियों में 60 प्रतिशत की मृत्यु हो गयी थी। जनवरी 2003 से दिसम्बर 2020 तक दुनियाभर में 862 व्यक्ति इससे संक्रमित हुए थे और 455 की मृत्यु हुई। मनुष्यों में इसके संक्रमण का अंतिम केस साउथ ईस्ट एशिया के देश लाओस में 13 अक्टूबर 2020 को रिपोर्ट हुआ।
यह वायरस 42 डिग्री सेल्सियस पर 18 घंटे, 37 डिग्री पर 24 घंटे, 24 डिग्री पर 5 दिन और 4 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर 8 सप्ताह जीवित रहता है।
मनुष्यों में इसके लक्षण संक्रमित होने के 1 से 4 दिन में नजर आते हैं। बर्ड फ्लू (एच5एन1/एच7एन9) से संक्रमित व्यक्तियों में सामान्य फ्लू की तरह से ये लक्षण उभरते हैं- खांसी, डायरिया, रेसपिरेटरी दिक्कतें (सांस सम्बन्धी समस्यायें), 100.4 डिग्री फॉरेनहाइट तक बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, नाक बहना, गले में खराश, थकान, नाक बंद होना इत्यादि।
सर्दियों में यह वायरस कई सप्ताह जिंदा रहता है और इससे संक्रमित पक्षी, संक्रमित होने के दस दिन बाद तक दूसरों में इस वायरस को फैला सकते हैं। जिस सतह पर संक्रमित पक्षियों का मल या स्राव गिरा हो उस सतह को छूने से भी यह फैलता है। जिन लोगों को इस संक्रमण का सबसे ज्यादा रिस्क होता है उनमें पोल्ट्री वर्कर, पोल्ट्री फार्म या चिकन शॉप में जाने वाले लोग, संक्रमित पक्षी को छूने से, उस व्यक्ति से जिसने संक्रमित पक्षी का बिना पका मांस या कच्चे अंडे खाये हों, इससे बीमार व्यक्तियों की देखभाल करने वाले हेल्थकेयर वर्कर और पीड़ित के घर के सदस्य। इसके साथ इन लोगों को भी इसका रिस्क ज्यादा होता है-
इसके कॉम्प्लीकेशन संक्रमण की गम्भीरता और वायरस की वजह से हुए इन्फ्लूएंजा के अनुसार होते हैं। एच5एन1 से संक्रमित होने वाले व्यक्तियों की मृत्यु दर सबसे ज्यादा है बाकियों की नहीं। संक्रमित व्यक्ति के इलाज में देरी से कान में संक्रमण, ब्रोन्काइटिस, सेप्सिस, निमोनियां, मल्टीपल आर्गन फेलियर और एक्यूट रेसपिरेटरी डिसीस जैसे कॉम्प्लीकेशन हो सकते हैं।
इसकी पुष्टि के लिये सीडीसी अर्थात सेन्टर फॉर डिसीस कंट्रोल एंड प्रवेन्शन ने एक टेस्ट निर्धारित किया है जिसे एशियन लाइनेज या एन1/एच5 वायरस रियल टाइम आरटी-पीसीआर प्राइमर एंड प्रोब सेट कहते हैं। इसका प्राइमरी परिणाम 4 घंटे में मिल जाता है, लेकिन इस टेस्ट की सुविधा पूरी दुनिया में नहीं है। इस टेस्ट के अलावा डाक्टर अस्कल्टेशन, व्हाइट ब्लड सेल डिफरेन्शियल, नेसोफारेनजील कल्चर और चेस्ट एक्स-रे भी करते हैं। यदि पीड़ित ज्यादा बीमार हो उसका हार्ट, किडनी और लीवर फंक्शन टेस्ट भी किया जाता है।
बर्ड फ्लू वायरस की अनेक किस्में होने से इसके लक्षण (Bird Flu Symptoms) भी अलग-अलग होते हैं और इन्हीं लक्षणों के आधार पर इलाज (Treatment of Bird Flu) किया जाता है। अधिकतर केसों में एंटीवायरल दवायें देते हैं जिसमें टेमीफ्लू या जेनमवायर मुख्य है। इन दवाओं से बीमारी की गम्भीरता कम होती है, लेकिन इसके लिये जरूरी है कि ये दवायें, पहला लक्षण दिखाई देने के 48 घंटों के अंदर दी जायें।
बर्ड फ्लू वायरस के जिन दो स्ट्रेन्स में मनुष्यों को संक्रमित करने की क्षमता है उन्होंने दो सबसे कॉमन एंटीवायरल दवाओं के प्रति रजिस्टेंट पॉवर हासिल कर ली है, ये दवायें हैं एमान्टाडाइन और रिमान्टाडाइन (फ्लूमाडाइन)। यही कारण है कि अब इन दवाओं को बर्ड फ्लू के इलाज (Treatment of Bird Flu) में प्रयोग नहीं किया जाता।
यदि आपके परिवार में कोई व्यक्ति में Bird Flu Symptoms है तो परिवार के उन सदस्यों को भी एंटीवायरल दवा का कोर्स कर लेना चाहिये जो संक्रमित नहीं हैं। संक्रमित व्यक्ति को आइसोलेशन में रखें और उसके पास बिना मास्क के न जायें और न ही उसकी छुई किसी वस्तु को छुएं। सांस लेने में ज्यादा दिक्कत होने पर मरीज को ऑक्सीजन सपोर्ट पर भी रखा जाता है।
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