हमारे मोहल्ले के छन्नू भिया ने सोशल मीडिया पर कई लोगों की सुई लगाते हुए फोटो देखी। उन्हें भी उनका फोटो डालने की इच्छा हुई। उनकी भुजा सुई लगवाने के लिए फड़कने लगी। शर्ट के बटन खुलने लगे। काली बनियान की पट्टी बाहर झाँकने लगी। मोबाइल फ़ोन सेल्फी लेने के लिए मचलने लगा। उन्होंने तुरंत अपने पट्ठे से कहा ‘चल सुई लगवा के आते है’ पट्ठे ने उन्हें बताया सुई अभी सिर्फ ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद ही लगाई जा रही है।‘ छन्नू भिया बोले ‘अबे आज तक हमने किसी काम के लिए लाइन लगाई है क्या। तू चल मेरे साथ।‘
वे दोनों मोहल्ले के एक अस्पताल में गए। पर वहां के डॉक्टर ने उन्हें वैक्सीन लगाने से साफ इंकार कर दिया। उन्होंने कहा ‘अभी वैक्सीन सिर्फ ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन वालों को ही लगाए जा रहे है।
भिया को ना सुनने की आदत नहीं है। वो भड़क गए। उन्होंने वहीँ से एक मंत्री को फ़ोन लगा दिया। ‘पाय लागि बाबूजी। एक छोटा काम था। किसी डॉक्टर को बोल कर एक सुई लगवाने का जुगाड़ करवा दीजिये।’ मंत्री जी ने कहा ‘अरे पगले वो कोई साधी सुई नहीं है। वैक्सीन की सुई है। उसके लिए सरकार ने कुछ नियम कानून बनाये है। उनका पालन करना पड़ता है। ऐसे तुम्हें सुई नहीं लगवा सकते। थोड़ा इंतजार करो आज नहीं तो कल सबको लगना ही है।’ इतना कहकर नेताजी ने फ़ोन काट दिया। भिया और तमतमा गए। जिन नेताजी के लिए भिया ने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया था आज वही नेताजी उसे एक सुई नहीं लगवा पा रहे थे।
भड़भड़ाते हुए अस्पताल से निकले। अपने ठीये पर आकर उन्होंने सब पट्ठों को बुलाया। जब तक खुद न मरो स्वर्ग नहीं दीखता। अपना काम अपने को अपने तरीके से ही करना पड़ेगा। भिया एक खुली जीप में सबको भरकर एक बड़े अस्पताल की तरफ निकले। सबके हाथ में हॉकी डंडे आदि थे। अस्पताल पहुँच कर सब एक साथ एक डॉक्टर के केबिन में घुस गए। भिया ने कुर्सी पर बैठते हुए कहा ‘ऐ डॉक्टर वो वैक्सीन वाली एक सुई लगा दो। एक फोटो निकालना है सोशल मीडिया में डालना है।’ इतनी भीड़ देखकर डॉक्टर डर गया था। वहां सिक्योरिटी भी पहुँच गयी थी। अस्पताल के कुछ अधिकारियों ने समझा बुझाकर भिया को बाहर निकाला। यहाँ भी उन्हें सुई नहीं लगी।
अब भिया का गुस्सा सातवें आसमान पर था। इतनी मगजमारी के बाद भी वो अपने लिए एक सुई लगवाते हुए फोटो नहीं निकलवा पाए थे। एक सुई के सामने उनकी हैसियत कुछ नहीं थी।
एक पट्ठे ने सुझाव दिया ‘भिया आपको सुई वाला फोटो ही तो डालना है तो ऐसे ही किसी से सुई बॉडी को टच करवा लो। जरुरी थोड़ी है कि वैक्सीन वाली ही सुई हो।’ भिया को आइडिया जम गया।
उन्होंने उनके ही एक पट्ठे को डॉक्टर का एप्रेन पहनवा कर झूटमूठ की सुई लगवाते हुए फोटो खींच लिया और सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया। लाइक और कमेंट मिलने लगे। भिया की मुराद पूरी हुई। सुई लगवाते हुए फोटो अपलोड करना इम्पोर्टेन्ट है। कोरोना का क्या है उससे बाद में भी निपट लेंगे।
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