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धूल फांक रहे उपकरण, विशेषज्ञ चिकित्सक तैनात नहीं

Tools gathering dust, specialist doctors are not deployed

मेरठ। जिला अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सक तैनात न होने के कारण लाखों रुपये की लागत से तैयार किए भवन धूल फांक रहे हैं। वहीं अभी तक मशीनें भी उपलब्ध नहीं हो पाई हैं। अस्पताल प्रशासन द्वारा लगातार इनके लिए डिमांड भेजी जा रही है, लेकिन अभी तक शासन से मांग पूरी नहीं हुई है। ऐसे में मरीजों को निशुल्क इलाज के दावे खोखले साबित हो रहे हैं।
जिला अस्पताल में गंभीर रोगियों के लिए कई साल पहले 20 ज्यादा बेड की आईसीयू बिल्डिंग तैयार कराई गई थी। लाखों रुपए के उपकरण और मशीनें यहां लगवाई गईं। शासन द्वारा विशेषज्ञ चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति न होने से बिल्डिंग व उपकरण धूल फांक रहे हैं। वहीं मरीजों को एमआरआई सुविधा देने के लिए 2018 में 43 लाख रुपये के बजट से भवन का निर्माण कराया गया था। इसमें सात करोड़ की मशीन लगाई जानी थी, लेकिन अभी तक मशीन नहीं मिली है। अस्पताल में यह सुविधा पीपीपी मॉडल पर शुरू करने की योजना तैयार की गई थी। मजबूरन मरीजों को निजी लैब में महंगी दरों पर जांच करानी पड़ रही है
चिकित्सक भी आधे
अस्पताल में सिर्फ मशीनें नहीं बल्कि चिकित्सकों की भी भारी कमी है। 54 चिकित्सकों के पदों पर मात्र 26 की यहां तैनाती है। इनमें सर्जन एनेस्थिसिया, कार्डियोलॉजिस्ट, ईएनटी, अस्थि रोग विशेषज्ञ आदि पदों पर चिकित्सक कम हैं। गुर्दे और दिमाग के चिकित्सक भी यहां तैनात नहीं है।
भेजी रखी है डिमांड
एमआरआई भवन में मशीन शासन द्वारा आनी है। इसके लिए डिमांड भेजी गई है। आईसीयू यूनिट के लिए भी स्टाफ शासन द्वारा अलग से नियुक्त किया जाएगा।
-डॉ. कौशलेंद्र सिंह, एमएस, जिला अस्पताल