प्रश्न –मेहर बाबा ने ईश्वर के मनुष्य ( अवतार, रसूल, ईसा मसीह ) में अवतरित होने और मनुष्य के ईश्वर (पूर्ण गुरु, सद्गुरु, कुतुब, तीर्थंकर ) बनने की बात कही है। क्या आप कृपया हमसे इस बारे में बात करेंगे?ओशो –भगवान है, वह न तो चढ़ता है और न ही उतरता है। वह कहाँ तक […]
उन्नति की आकांक्षा भी वैसी ही घातक है, शायद उससे भी ज्यादा, जितनी उत्तेजना की आकांक्षा है। पर बड़ा अजीब लगेगा, क्योंकि हम तो सोचते हैं कि अध्यात्म भी तो आखिर उन्नति की आकांक्षा है ! कि हम आनंद चाहते हैं, कि मुक्ति चाहते हैं, कि परमात्मा को चाहते हैं यह भी तो उन्नति की […]
पहला चरण : अपने शरीर को लेकर पूरी तरह सचेत होना। बुद्ध ने कहा, जब तुम चलते हो तब तुम्हारे मन को पता होना चाहिए कौन-सा पैर आगे गया और कौन-सा पैर पीछे गया। जब तुम भोजन करते हो, तब खुद को भोजन करते हुए देखो। भोजन मुह में किसी मशीन कि तरह मत डालो। […]
आप केवल अपने जीवन की सकारात्मक चीज़ों पर ही शंका करते हैं? नकारात्मक चीज़ों पर शंका नहीं करते। आप किसी की ईमानदारी पर शंका करते हैं और उसकी बेईमानी पर विश्वास। जब कोई आपसे नाराज़ होता है तो उसकी नाराज़गी पर आपको कोई शंका नहीं होती। पर जब कोई कहे कि वे आपको प्रेम करते […]
प्रश्न: 🟤मुझे ऐसा समझ में आया, कि आपने कहा कि सब मन के रोग प्रेम की कमी से पैदा होते हैं। 🧘♀️निश्चित ही मन के सभी रोग प्रेम की कमी से पैदा होते हैं। लेकिन इस सत्य को समझना पड़े। जीवन में तीन घटनाएं हैं, जो बहुमूल्य हैं: जन्म, मृत्यु और प्रेम। और जिसने इन […]
उन्नति की आकांक्षा भी वैसी ही घातक है, शायद उससे भी ज्यादा, जितनी उत्तेजना की आकांक्षा है। पर बड़ा अजीब लगेगा, क्योंकि हम तो सोचते हैं कि अध्यात्म भी तो आखिर उन्नति की आकांक्षा है! कि हम आनंद चाहते हैं, कि मुक्ति चाहते हैं, कि परमात्मा को चाहते हैं यह भी तो उन्नति की आकांक्षा […]
श्रावस्ती में एक सेठ था—मृगार। उसके लड़के की पत्नी थी विशाखा। विशाखा सुनने जाती थी बुद्ध को। मृगार कभी कहीं सुनने गया नहीं। वह धन— लोलुप धन के पीछे पागल था। वह सबसे बड़ा श्रेष्ठि था श्रावस्ती का। श्रावस्ती भारत की सबसे ज्यादा धनी नगरी थी और मृगार उसका सबसे बड़ा धनपति था। नगर का […]
Osho on Nanak Ji: बाबर नानक के समय भारत आया। उसके सिपाहियों ने नानक को भी संदिग्ध समझ कर कैद कर लिया। लेकिन धीरे-धीरे बाबर तक खबर पहुंचने लगी कि यह कैदी कुछ अनूठा है। और इस कैदी के आस-पास एक हवा है, जो साधारण मनुष्यों की नहीं। और एक मस्ती है कि यह कैदी […]
विचार समस्या नहीं है!विचार की उत्पत्ति समस्या है!! विचार से विमुख और निर्विचार , थॉटलेसनेस के सन्मुख होना है। यही दिशा क्रांति है। यह कैसे होगा? विचार कैसे पैदा होते हैं? यह जानना जरूरी है, तभी उन्हें जन्मने से रोका जा सकता है। साधारणतया उनकी उत्पत्ति के सत्य को जाने बिना ही तथाकथित साधक उनके […]
Osho said about lord buddha: बुद्ध ने छह वर्ष तक तपश्चर्या की। जो भी जिसने कहा, वही उन्होंने किया। किसी ने कहा, उपवास, तो उन्होंने उपवास किए लंबे। और किसी ने कहा कि शीर्षासन, तो शीर्षासन किया। और किसी ने कहा, नाम जपो, तो नाम जपा। और जिसने जो कहा, वे करते रहे। छह वर्ष […]