अप्रैल से दिल्ली के स्कूलों में नया सेशन 2024.25 शुरू होगा और दाखिले प्रक्रिया को लेकर दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। अकादमिक सत्र 2023.24 में शिक्षा निदेशालय ने क्लास 5 और 8 के लिए श्नो डिटेंशन पॉलिसीश् खत्म कर दी थीए इसलिए क्लास 6 और 8 के लिए पॉलिसी रिवाइज की […]
हर कोई चाहता है कि उसे जीवन में वो सब कुछ मिले, जिसकी वो इच्छा रखता है। इसके लिए लोग बहुत मेहनत भी करते हैं लेकिन मेहनत के अलावा हर इच्छा या अभिलाषा से एक सकारात्मक ऊर्जा जुड़ी हुई होती है। जैसे, घर की छोटी-छोटी चीजें भी इनसे जुड़ी हुई हैं। वास्तुशास्त्र के अनुसार कुछ […]
मार्च के इस सप्ताह में गुरु भरणी नक्षत्र के तीसरे चरण में गोचर करने जा रहे है। इसके अलावा शनि भी कुंभ राशि में उदय हो जाएंगे। इसका असर सभी राशियों पर दिखाई देगा। टैरो कार्ड्स के अनुसार, इस सप्ताह मेष, वृषभ, कर्क, कन्या, तुला,मकर और कुंभ राशि के जातकों को विशेष सुर्खियां और धन […]
प्रश्न –मेहर बाबा ने ईश्वर के मनुष्य ( अवतार, रसूल, ईसा मसीह ) में अवतरित होने और मनुष्य के ईश्वर (पूर्ण गुरु, सद्गुरु, कुतुब, तीर्थंकर ) बनने की बात कही है। क्या आप कृपया हमसे इस बारे में बात करेंगे?ओशो –भगवान है, वह न तो चढ़ता है और न ही उतरता है। वह कहाँ तक […]
बहुत पुरानी बात है। एक समय जंगल से एक यात्री अपनी मंजिल की ओर जा रहा था। अचानक एक जगह उसे तीन डाकुओं ने घेर लिया और उसका सारा धन लूट लिया। उसे लूट लेने के बाद एक डाकू अपने साथियों से बोला, अब इस आदमी को जिंदा छोड़ देने से क्या लाभ? ये हमारे […]
काले सायों ने घेरा है,जबकि घना अंधेरा है।लंबी है काली रात बड़ी;अभी दूर बहुत सवेरा है।। अरमानों के उजाले,चकनाचूर हो चुके हैं।तन्हा अंधेरे में रहने को;हम मजबूर हो चुके हैं।। उम्मीद की किरण भी,कहीं दिखती नहीं है।उजालों में रहने की ख्वाहिश;फिर भी मिटती नहीं है।। इस अंधेरी रात में,भला ये पास कौन आता है।यह यमराज […]
उन्नति की आकांक्षा भी वैसी ही घातक है, शायद उससे भी ज्यादा, जितनी उत्तेजना की आकांक्षा है। पर बड़ा अजीब लगेगा, क्योंकि हम तो सोचते हैं कि अध्यात्म भी तो आखिर उन्नति की आकांक्षा है ! कि हम आनंद चाहते हैं, कि मुक्ति चाहते हैं, कि परमात्मा को चाहते हैं यह भी तो उन्नति की […]
ना किसी गुलबदन से करेंगेना किसी जानेमन से करेंगेहम मोहब्बत वतन से करेंगे उनका दुनिया में कुछ हित नहीं हैराष्ट्र को जो समर्पित नहीं हैवह जगत में कहीं जाकर रह लेराष्ट्र के बिन सुरक्षित नहीं है इसकी रक्षा लगन से करेंगेहम मोहब्बत वतन से करेंगे फूल में खुशबू रंगत चमन कीजब तलक है सुरक्षा वतन […]
पिताश्री से. रा. यात्री बहुत ही ख़ामोशी से चले गए। लेकिन ज़िंदगी के अंतिम समय तक भी उनकी चेतना बरकरार रही। एक पुरानी और जर्जर इमारत को एक दिन ढहना ही था। लेकिन उनका महाप्रयाण किसी संत के चिरनिंद्रा में लीन होने जैसा ही था। महाप्रयाण से पहली शाम मैं उनके कक्षा में गया, चाय […]
भगवान कृष्ण भोजन करने के लिए बैठे थे। एक दो कौर मुंह में लेते ही अचानक उठ खड़े हुए। बड़ी व्याग्रता से द्वार की तरफ भागे, फिर लौटे आए उदास और भोजन करने लगे। रुक्मणि ने पूछा, थाली छोड़कर इतनी तेजी से क्यों गए? और इतनी उदासी लेकर क्यों लौट आए? भगवान कृष्ण ने कहा, […]