ईश्वर के मनुष्य में अवतरित होने का क्या मामला है, जानें यहां

प्रश्न –मेहर बाबा ने ईश्वर के मनुष्य ( अवतार, रसूल, ईसा मसीह ) में अवतरित होने और मनुष्य के ईश्वर (पूर्ण गुरु, सद्गुरु, कुतुब, तीर्थंकर ) बनने की बात कही है। क्या आप कृपया हमसे इस बारे में बात करेंगे?ओशो –भगवान है, वह न तो चढ़ता है और न ही उतरता है। वह कहाँ तक […]

जानें क्या हुआ जब जंगल में डाकुओं ने युवक को लूट लिया

बहुत पुरानी बात है। एक समय जंगल से एक यात्री अपनी मंजिल की ओर जा रहा था। अचानक एक जगह उसे तीन डाकुओं ने घेर लिया और उसका सारा धन लूट लिया। उसे लूट लेने के बाद एक डाकू अपने साथियों से बोला, अब इस आदमी को जिंदा छोड़ देने से क्या लाभ? ये हमारे […]

युगद्रष्टा

काले सायों ने घेरा है,जबकि घना अंधेरा है।लंबी है काली रात बड़ी;अभी दूर बहुत सवेरा है।। अरमानों के उजाले,चकनाचूर हो चुके हैं।तन्हा अंधेरे में रहने को;हम मजबूर हो चुके हैं।। उम्मीद की किरण भी,कहीं दिखती नहीं है।उजालों में रहने की ख्वाहिश;फिर भी मिटती नहीं है।। इस अंधेरी रात में,भला ये पास कौन आता है।यह यमराज […]

उन्नति की आकांक्षा

उन्नति की आकांक्षा भी वैसी ही घातक है, शायद उससे भी ज्यादा, जितनी उत्तेजना की आकांक्षा है। पर बड़ा अजीब लगेगा, क्योंकि हम तो सोचते हैं कि अध्यात्म भी तो आखिर उन्नति की आकांक्षा है ! कि हम आनंद चाहते हैं, कि मुक्ति चाहते हैं, कि परमात्मा को चाहते हैं यह भी तो उन्नति की […]

कविता: हम मोहब्बत वतन से करेंगे

ना किसी गुलबदन से करेंगेना किसी जानेमन से करेंगेहम मोहब्बत वतन से करेंगे उनका दुनिया में कुछ हित नहीं हैराष्ट्र को जो समर्पित नहीं हैवह जगत में कहीं जाकर रह लेराष्ट्र के बिन सुरक्षित नहीं है इसकी रक्षा लगन से करेंगेहम मोहब्बत वतन से करेंगे फूल में खुशबू रंगत चमन कीजब तलक है सुरक्षा वतन […]

से. रा. यात्री के पिता और पुत्र होने के ताल्लुक में मैं

पिताश्री से. रा. यात्री बहुत ही ख़ामोशी से चले गए। लेकिन ज़िंदगी के अंतिम समय तक भी उनकी चेतना बरकरार रही। एक पुरानी और जर्जर इमारत को एक दिन ढहना ही था। लेकिन उनका महाप्रयाण किसी संत के चिरनिंद्रा में लीन होने जैसा ही था। महाप्रयाण से पहली शाम मैं उनके कक्षा में गया, चाय […]

भगवान कृष्ण बैठे भोजन के लिए, फिर हुआ कुछ ऐसा

भगवान कृष्ण भोजन करने के लिए बैठे थे। एक दो कौर मुंह में लेते ही अचानक उठ खड़े हुए। बड़ी व्याग्रता से द्वार की तरफ भागे, फिर लौटे आए उदास और भोजन करने लगे। रुक्मणि ने पूछा, थाली छोड़कर इतनी तेजी से क्यों गए? और इतनी उदासी लेकर क्यों लौट आए? भगवान कृष्ण ने कहा, […]

रामायण और महाभारत काल से ही छठ मनाने की रही है परंपरा

त्योहारों के देश भारत में कई ऐसे पर्व हैं, जिन्हें कठिन माना जाता है, यहां कठिन शब्द से तात्पर्य है, उस पर्व में पवित्रता, स्वच्छता का विशेष ख्याल रखना। छठ महापर्व ऐसा ही एक त्योहार है, जिसकी परम्परा का स्रोत रामायण और महाभारत काल से जुड़ा है। छठ सिर्फ एक पर्व नहीं है, बल्कि महापर्व […]

इन नौ लोगों से मनुष्य को होता है लगाव, यहीं होती है भूल

भगवान् श्री रामजी ने विभीषण जी को कहा है कि नौ जगह मनुष्य की ममता रहती है, माता, पिता, भाई, पुत्र, स्त्री, शरीर, धन, घर, मित्र और परिवार में, जहाँ जहाँ हमारा मन डूबता है वहाँ वहाँ हम डूब जाते हैं, इन सब ममता के धांगो को बट कर एक रस्सी बनती है । जननी […]

Sharad Purnima Importance: मां लक्ष्मी की बरसती है कृपा

अश्विन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा शरद पूर्णिमा कहलाती है इस वर्ष शरद पूर्णिमा की रात्रि मे आंशिक चन्द्र ग्रहण का योग बन रहा है इस वजह से इस रात्रि मे जो तप का महत्त्व अधिक बाद गया है। शरद पूर्णिमा की रात्रि में चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से पूर्ण होता है। इस बार शरद पूर्णिमा […]

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