कानून के चंगुल से नहीं बच सके निर्भया के गुनहगार, चारों को एक साथ दी गई फांसी

nirbhaya

नई दिल्ली। निर्भया के दोषियों को फांसी दिए जाने के बाद तिहाड़ जेल प्रशासन ने सभी लॉकअप को खोल दिया है. इसके बाद तिहाड़ जेल में सुरक्षा का जिम्मा संभाल रही तमिलनाडु पुलिस ने फ्लैग मार्च किया. इससे पहले सुबह 5.30 बजे निर्भया के चारों दोषियों अक्षय कुमार, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और मुकेश कुमार को फांसी दी गई।
निर्भया केस के चारों दोषियों को तिहाड़ जेल में शुक्रवार सुबह ठीक 5.30 बजे फांसी दे दी गई. इसके साथ ही तिहाड़ में पहली बार एक साथ चार लोगों को फांसी दी गई है. फांसी से पहले जेल के सभी लॉकअप को बंद कर दिया गया था और सभी कैदियों को जेल के अंदर रहने की हिदायत दी गई थी. निर्भया के दोषियों को फांसी के फंदे पर पवन जल्लाद ने लटकाया।

क्या है पूरा मामला

दिल्ली में फिजियोथेरेपी छात्रा के साथ गैंगरेप और मर्डर करने वाले दोषियों को आखिरकार सात साल से अधिक समय बीत जाने के बाद शुक्रवार तड़के तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई. अपराध में शामिल दोषियों विनय शर्मा, अक्षय ठाकुर, मुकेश सिंह और पवन गुप्ता ने 16 दिसंबर 2012 की रात किए गए जघन्य अपराध की कीमत चुकाई है।
दोषियों को मौत की सजा देने के साथ पिछले कई सालों से अदालत दर अदालत घूम रहा यह मामला आखिर अब खत्म हो गया है. इन सालों में दोषियों ने फांसी में देरी के लिए कई प्रयास किए, मगर हर बार उन्हें निराशा ही हाथ लगी. वे न्यायपालिका के चंगुल से बच नहीं सके और उन्हें फांसी से लटका दिया गया।
राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर 16 दिसंबर 2012 की रात अंधेरे में चलती बस में निर्भया के साथ कुछ दरिंदों ने हैवानियत की सारी हदें पार कर दी थीं. इस घटना ने पूरे देश की अंतरात्मा को हिलाकर रख दिया था और सभी निर्भया के गुनहगारों को मौत की सजा देने की मांग उठाने लगे थे.

Send Your News to +919458002343 email to [email protected] for news publication to eradioindia.com