नाव और कमर तक के पानी से होकर पहुंचे लोग, घाट साफ किए
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निसरपुर/धार | नर्मदा का पानी अब कम होने लगा है। निसरपुर के पास स्थित ऐतिहासिक तीर्थ स्थल कोटेश्वर के मंदिर भी अब पूरी तरह से पानी से बाहर आ चुके हैं। हालांकि यहां पहुंचने के रास्ते पूरी तरह से नहीं खुले हैं। कई जगह अब भी कमर तक पानी भरा हुआ है। 2 दिन बाद मकर संक्रांति है। इसके लिए श्रद्धालुओं ने भी तैयारी शुरू कर दी है। कुछ लोग नाव से, तो कुछ लोग कमर तक के पानी से होकर पैदल ही कोटेश्वर तीर्थ पहुंचे और मंदिर के साथ ही घाटों की सफाई की, ताकि पूजा-अर्चना की जा सके।
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संक्रांति से पहले महेश्वर में निकाली महामृत्युंजय शिव रथयात्रा, नर्मदा के 7 घाटों को 5000 दीपों से सजाया
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मकर संक्रांति से पहले रविवार को स्वाध्याय भवन से दोपहर 3 बजे से महामृत्युंजय शिव रथयात्रा निकाली गई। यात्रा शाम 6 बजे नर्मदा घाट पहुंची। श्रद्धालुओं ने दो किमी के रास्ते में 3 घंटे तक भगवान के रथ को खींचने का सौभाग्य पाया। नर्मदा के सात घाटों पर 5 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने मां नर्मदा व भगवान महादेव की काकड़ा आरती की।
उज्जैन : देवास से छोड़ा नर्मदा का पानी रामघाट आया, मकर संक्रांति स्नान की चिंता हुई दूर
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मकर संक्रांति (15 जनवरी) के स्नान की चिंता लगभग दूर हाे गई है, क्योंकि शनिवार शाम 6 बजे देवास बैराज से छाेड़ा गया नर्मदा का पानी 15 घंटे का सफर करके सुबह 9 बजे तक त्रिवेणी पहुंच गया था। शाम तक गऊघाट, नृसिंह घाट, भूखी माता घाट हाेते हुए रामघाट पर अा गया था। अब संक्रांति पर श्रद्धालुओं को गंदे पानी से स्नान नहीं करना पड़ेगा।
बुरहानपुर : 50 क्विंटल का 11 फीट ऊंचा लड्डू बनाया
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मोहना संगम स्थित श्री सिद्धेश्वर गणेश मंदिर में गणेश चतुर्थी पर सोमवार को 50 क्विंटल के 11 फीट ऊंचे लड्डू का भोग लगाया जाएगा। मोतीचूर का यह लड्डू देशी घी से बनाया गया है। इसे बनाने में 30 कारीगर आठ-आठ घंटे की शिफ्ट में दिन-रात जुटे रहे।
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