बसंतोत्सव में नृत्य की प्रस्तुति देती छात्रायें। |
संगीतिक कार्यक्रम मे सर्वप्रथम बी0पी0ए0 कथक द्वितीय वर्ष की छात्रा श्रुति गोयल ने कथक मे ताल धमार पर शिवपरन, तिहाई, तोडे परन आदि प्रस्तुत कर सबको सम्मोहित कर दिया। इसके पश्चात् बी0पी0ए0 गायन द्वितीय वर्ष के छात्र रजत, अंकुश व सौरभ सिंह ने राग वृंदावनी सारंग मे निबद्ध बसंत ऋतु के आगमन की सूचना देता हुआ चतुरंग प्रस्तुत किया। सभी ने छात्रों की प्रस्तुति को सराहा। उसके बाद एम0पी0ए0 गायन द्वितीय वर्ष की छात्रा किरन ने बसंत पंचमी क्यों मनाई जाती है, इस पर अपना सूक्ष्म विचार रखा।
अतिथियों का सम्मान करते प्रो. डॉ. पिन्टू मिश्रा। |
इसके उपरान्त बी0पी0ए0 गायन द्वितीय वर्ष के छात्र रजत ने एक भजन की प्रस्तुति दी जो राग भैरव मे निबद्ध था। बी0पी0ए0 सितार की प्रथम वर्ष की छात्रा सुश्री ने राग मिश्र काफी मे बंदिश व झाला सितार पर प्रस्तुत किया। तदुपरान्त बी0पी0ए0 गायन द्वितीय वर्ष के छात्र रजत व सौरभ सिंह ने राग शंकर मे निबद्ध छोटे ख्याल की बंदिश व तराना प्रस्तुत कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। सांगीतिक कार्यक्रम की अन्तिम प्रस्तुति बी0पी0ए0 कथक की छात्राओं श्रुति गोयल, सृष्टि, रिया मेहरोत्रा व श्रेया अग्रवाल कथक नृत्य में चतुरंग की प्रस्तुति दी थी जिसे सभी ने सराहा।