शिवपाल का गुस्सा: अखिलेश-मुलायम साथ हों तो भी नहीं रहूंगा उनके भरोसे
शिवपाल ने रविवार को जिले के सहतवार क्षेत्र में संवाददाताओं से बातचीत में एक सवाल पर कहा कि उन्होंने मुलायम के ही कहने पर प्रसपा बनायी थी। मुलायम आज अखिलेश के साथ क्यों खड़े हैं, इसका जवाब वह ही दे सकते हैं।
मगर इतना तय है कि अब वह पीछे मुड़कर नहीं देखेंगे। उनकी पूरी कोशिश डाक्टर राम मनोहर लोहिया, चौधरी चरण सिंह और गांधीवादी लोगों को एकजुट करके पार्टी को मजबूत करने की है। उनसे पूछा गया था कि सपा संस्थापक मुलायम इन दिनों उन्हें छोड़कर अखिलेश के कार्यक्रमों में शिरकत करने लगे हैं। क्या मुलायम ने उनके साथ धोखा किया है।

शिवपाल ने कहा कि उन्होंने मुलायम का हमेशा सम्मान किया और उनकी हर बात मानी। मुलायम की बात को तवज्जो नहीं देने के कारण ही सपा में विघटन हुआ। इसी कारण सपा की दोबारा सरकार नहीं बनी। नहीं तो अखिलेश फिर मुख्यमंत्री बनते।
मालूम हो कि पिछली नवम्बर में मुलायम अपने जन्मदिन पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शरीक हुए थे। इसके अलावा शनिवार को भी उन्होंने एक अन्य कार्यक्रम में अखिलेश के साथ मंच साझा किया था।
तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश और शिवपाल के बीच वर्ष 2016 में पार्टी और सत्ता को लेकर हुए संघर्ष के दौरान मुलायम शिवपाल के साथ खड़े नजर आये थे। उसके बाद मुलायम ने लम्बे वक्त तक कई अहम मौकों पर अखिलेश के साथ पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में शिरकत नहीं की थी। शिवपाल ने सपा से अलग होकर अक्टूबर 2018 में नयी पार्टी बना ली थी।