KMC Hospital Meerut: सेहत के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से KMC Hospital Meerut के डॉक्टर्स ने एक अनोखी पहल की है। शिक्षकों एवं बच्चों के बीच पहुंचकर उन्हें जरूरी बातों के प्रति आगाह किया है। जागरूकता कार्यक्रम में वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डा0 तनय गर्ग एवं महिला कैंसर रोग विशेषज्ञा डा0 अंशुल बंसल द्वारा लगभग 135 शिक्षिकाओं को जागरुक किया गया।
KMC Hospital Meerut के हृदय रोग विशेषज्ञ डा0 तनय गर्ग ने हृदय रोग के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि हार्ट अटैक के बाद पहला घण्टा सबसे निर्णायक होता है। क्योंकि 50 प्रतिशत मौतें इसी पहले घण्टे में ही हो जाती है। यदि पहले ही घण्टे में सही उपचार मिल जाये तो दिल को क्षतिग्रस्त होने से पूर्णतया रोका जा सकता है। हार्ट अटैक के लक्षणों को जानना बहुत जरुरी है।
हार्ट अटैक में सबसे जरूरी बातों पर Dr Tanay Garg ने डाला प्रकाश
आम धारणा यह है कि हार्ट अटैक का दर्द बाईं तरफ होता है लेकिन वास्तविकता में दर्द छाती के बीचों बीच होता है। यह भारीपन, छाती के बीच में घुटन, चलने पर सांस फूलना, वजन, जलन जैसा हो सकता है। साथ ही मरीज को बहुत पसीना आता है। यह दर्द दोनों या एक बाजू में, गले में या जबड़े में भी जा सकता है। हृदय रोग से बचने के लिए अपनी दिनचर्या को बदलना बेहद जरुरी है।
उचित खान-पान, उचित व्यायाम एवं प्रतिदिन सुबह की सैर करना आवश्यक है और धूम्रपान व एल्कोहल से बचना चाहिए। Dr Tanay Garg KMC Hospital Meerut के कार्डियक विभाग में नये-नये कीर्तिमान भी स्थापित कर रहे हैं। जैसे Femoral Popliteal Bypass Surgery, Vascular Surgery। पैर की नसों में खून का जो अवरोधन हो जाता है, वो इस सर्जरी के द्वारा पैर की रुकावट भरी नसों में खून पहुँचाता है और रोगी को वापस चलने योग्य बनाता है।
KMC Hospital Meerut में शुरू हुई RFA तकनीकि
डा0 तनय गर्ग मेरठ में अकेले वैस्कुलर सर्जन हैं जिन्होंने वेरीकोज वेन्स के स्थायी इलाज के लिए नई तकनीक आरएफए यानी रेडियो फ्रीक्वेन्सी एबलेशन शुरु की है। अभी तक इस विधि से यह आॅपरेशन दिल्ली के एक-दो अस्पताल में ही होता था, लेकिन अब अपने शहर में यह सुविधा डा0 तनय गर्ग द्वारा शुरु हो गई है और त्थ्। विधि द्वारा उन्होंने कई सफल ऑपरेशन भी किये हैं।
शरीर की असामान्य स्थिति में डॉक्टर से लें सलाह: Dr Anshul Bansal
Dr Anshul Bansal (महिला कैंसर रोग विशेषज्ञा) ने बच्चेदानी के कैंसर, बच्चेदानी के मुँह का कैंसर, अण्डकोष का कैंसर, स्तन कैंसर व अन्य सभी कैंसर के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि शरीर में किसी भी प्रकार की भी असामान्य स्थिति का पता चलने पर तुरन्त अपन नजदीकी चिकित्सक से परामर्श लें। छाती के कैंसर को प्रारम्भिक अवस्था में जानने के लिए BSF (Breast self Examination) किसी भी वर्ग में अत्यन्त महत्वपूर्ण है।
छाती में कैंसर के लक्षण होने पर Mammography & High Resolution Sonography कराना आवश्यक है जोकि के. एम. सी. इमेजिंग एवं डाइग्नोस्टिक सैन्टर में उपलब्ध है।
Dr Anshul Bansal ने कहा कि प्रत्येक महिला जिसकी आयु 30 वर्ष या अधिक है, साल में एक बार अपने स्तनों की जाँच चिकित्सक द्वारा करायें। सर्वाधिक उपयुक्त समय है, महावारी के पाँचवें दिन। किसी महिला को यदि स्तन में दर्दरहित गाँठ, त्वचा के रंग में बदलाव, निप्पल का अंदर धंसना या निप्पल से किसी तरह का स्राव महसूस हो तो उसे तुरन्त विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए क्योंकि शीघ्र निदान ही स्तन कैंसर का समाधान है। यदि आपको कोई छोटी गाँठ इत्यादि महसूस होती है तो तुरन्त डाॅक्टर को चैकअप करायें।
Dr Anshul Bansal ने पेप स्मेयर को बताया जरूरी
Dr Anshul Bansal ने कहा कि, बच्चेदानी व बच्चेदानी के मुख के कैंसर यानी सर्विक्स में होने वाला कैंसर बच्चेदानी के भीतरी या बाहरी किसी भी सतह पर हो सकता है। थोड़ी सी जागरुकता और सावधानी बच्चेदानी के भीतरी या बाहरी किसी भी सतह पर हो सकता है। थोड़ी सी जागरुकता और सावधानी बच्चेदानी के कैंसर से बचाव कर सकती है। नियमित सर्वाइकल स्क्रीनिंग जोकि महिलाएं हर तीन साल में एक बार पेप स्मेयर जरुर करायें।
अपने प्राइवेट पार्ट की साफ-सफाई का हमेशा ख्याल रखें। योनी से असमान्य खून निकलना, सफेद पदार्थ निकलना, दर्द होना या अन्य कोई परेशानी होने पर महिला डाॅक्टर से संपर्क करें और जरुरी टेस्ट करायें। जैसे – पेप स्मेयर, एचपीवी, कोल्पोस्कोपी, अल्ट्रासाउण्ड व सी0 टी0 स्कैन टेेस्ट आदि।
Vital Beam Linear Accelerator से मिलेगा विश्वस्तरीय ईलाज
KMC Cancer Sansthan में बाहरी सिकाई के लिए सबसे महत्वपूर्ण रेडियोथेरेपी मशीन लीनियर ऐक्सीलेटर विश्व की आधुनिकतम एवं उत्तम Varian Medical System द्वारा निर्मित Rapid Arch with Robotic IGRT – Vital Beam Linear Accelerator उपलब्ध है। गर्भाशय के मुँह के कैंसर की सिकाई के लिए मुख्यतः ब्रेकीथेरेपी द्वारा सिकाई का मुख्य योगदान है।
यह मशीन भारतवर्ष में बहुत ही कम कैंसर केन्द्रों पर उपलब्ध है। के. एम. सी. कैंसर संस्थान में यह मशीन (24 Channel HDR Brachytherpy Gama Medplux IX-Varian) पिछले चार-पाँच वर्षों से काम कर रही है। कार्यक्रम को सफल बनाने में सभी शिक्षिकाओं व समस्त स्टाफ का सम्पूर्ण सहयोग रहा।