- जिला पंचायत करने जा रहा भव्य आयोजन
- महिलाओं के लिए होगी अलग शौचालयों की व्यवस्था
- गंगा घाट पर उमड़ेगा श्रद्धा का जनसैलाब
मेरठ। वन आरक्षित क्षेत्र से होकर गुजरने वाली गंगा नदी के मखदूमपुर में गंगा घाट पर कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले गंगा मेले की तैयारियां जोरों शोरों से शुरू हो गई है। जिला पंचायत के नेतृत्व में आयोजित होने वाले गंगा मेले में रास्ते व मेला परिसर को तैयार करना शुरू कर दिया है।
जिला पंचायत मेले आयोजन पर बेहतर सुविधाओं के लिए लगभग 48 लाख का बजट खर्च करेगी। जिसके चलते दीपवाली के बाद ही गंगा घाट को समतल करने का कार्य किया गया। मेला आयोजन के लिए जिला पंचायत के इंजीनियर्स ने दस दिन पहले निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार की थी।
बता दे कि मेरठ जनपद में प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मखदूमपर गंगा घाट पर विशाल मेले का आयोजन जिला पंचायत के नेतृत्व में किया जाता है, जिसके लिए जिला पंचायत मोटा बजट खर्च करती आ रही है। जिला पंचायत ने व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने व आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सुविधा प्रदान करने के लिए रिपोर्ट तैयार कर जिला पंचायत को सौंप दी थी।
इसके बाद गंगा किनारे पर मेला आयोजन की तैयारियों को शुरू किया गया। हालांकि रास्तों में नमी के कारण जमीन धसने की खतरा बन रहा है और समुचित घाट बनाना भी जिला पंचायत के लिए चुनौती बन रहा है। सोमवार को मुख्य घाट बनाने के लिए किनारे की जमीन को समतल करने का कार्य कराया गया। इसके साथ साथ गंगा घाट तक पहुंचने वाले कच्चे मार्ग की मरम्मत करने के लिए कार्य जारी है।
गंगा की रेती में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले चार दिवसीय गंगा मेले की तैयारियों जोरों पर है। गंगा किनारे पर 24 नवंबर से मेला लगना शुरू हो जाएगा। ऐसे में जिला पंचायत तेजी से अपनी तैयारियों को समय से पूरा करने में लगा हुआ है। मेले में इस बार पांच लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है और बड़ी संख्या को देखते हुए ही तैयारियों को पूरा किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए रास्ते, घाट पर बैरिकेडिंग, टेंट, पथ प्रकाश व्यवस्थाओं को अच्छा किया जाएगा। पूर्व में हुई दिक्कत को दूर करने पर भी जोर रहेगा। किनारे पर गोताखोरों की तैनाती भी की जाएगी।
मेला परिसर में महिला श्रद्धालुओं के लिए अलग शौचालय की व्यवस्था की जाएगी लेकिन स्नान के लिए घाट पर यह व्यवस्था नहीं होगी। पूर्व में इस तरह की व्यवस्था बनाने के तमाम दावे किए गए लेकिन बाद में व्यवस्था धड़ाम हो गई। हालांकि सतर्कता अपनाने व सुरक्षा आदि को लेकर इस बार भी खूब दावे किए जा रहे हैं।