-महाशिवरात्रि के अवसर पर ब्रह्मा कुमारीज आश्रम में मनाया 88वां स्थापना दिवस
आगरा। महाशिवरात्रि व महिला सशक्तिकरण दिवस के अवसर पर शुक्रवार को ब्रह्मा कुमारीज के कमला नगर स्थित सेंटर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि केंद्रीय राज्य मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल, लायंस क्लब के इंटरनेशनल डायरेक्टर जितेंद्र चौहान, बबिता चौहान व बीके शीला बहन ने दीप प्रज्वलित कर किया।
ब्रह्मा कुमारीज के 88 वे स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल ने कहा कि उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारी संस्थान में त्याग तपस्या और साधना से जीवन की वास्तविकता का बोध कराया जाता है। उन्होंने बताया कि आज के आधुनिक समय में महिला सशक्तिकरण एक विशेष चर्चा का विषय है। हमारे आदि–ग्रंथों में नारी के महत्त्व को मानते हुए यहाँ तक बताया गया है कि जहाँ नारी की पूजा होती है, वहाँ देवता निवास करते है।
राष्ट्र के विकास में महिलाओं का महत्त्व और अधिकार के बारे में समाज में जागरुकता लाने के लिये मातृ दिवस, अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस आदि जैसे कई सारे कार्यक्रम सरकार द्वारा चलाए जा रहे हैं। महिलाओं को कई क्षेत्र में विकास की जरुरत है।
भारत में, महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए सबसे पहले समाज में उनके अधिकारों और मूल्यों को मारने वाली उन सभी राक्षसी सोच को मारना जरुरी है।
लायंस क्लब के डायरेक्टर जितेंद्र चौहान ने कहा कि महिला आदिशक्ति है हमें इसका सम्मान करना चाहिए। अपने देश में उच्च स्तर की लैंगिक असमानता है। जहाँ महिलाएँ अपने परिवार के साथ ही बाहरी समाज के भी बुरे बर्ताव से पीड़ित है। भारत में अनपढ़ो की संख्या में महिलाएँ सबसे अव्वल है।
डॉ मधु भारद्वाज ने कहा कि नारी सशक्तिकरण का असली अर्थ तब समझ में आयेगा जब भारत में उन्हें अच्छी शिक्षा दी जाएगी और उन्हें इस काबिल बनाया जाएगा कि वो हर क्षेत्र में स्वतंत्र होकर फैसले कर सकें।
बबिता चौहान ने कहा कि महिला इतनी कमजोर नहीं कि उसके लिए एक विशेष दिन चुना जाए प्रत्येक दिन की शुरुआत महिला से ही होती है। आज महिला हर क्षेत्र में कंधे से कंधा मिलाकर जिम्मेदारी के साथ कार्य कर रही है। इस दौरान बीके शीला बहन, बीके बीना बहन, बीके मंजरी बहन, जालमा की पूर्व डिप्टी डायरेक्टर डॉ मधु भारद्वाज, डॉ ममता बहन, बीके सीमा बहन, बीके महिमा बहन, बीके शम्भू कुमार आदि मौजूद रहे।