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बांग्लादेश में हिन्दुओं का कत्ल-ए-आम स्वीकार्य नहीं

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बांग्लादेश में तख्तापलट के दौरान हिन्दू मन्दिर और हिदुओं पर हमले से विश्व समुदाय पर गहरा असर देखने को मिल रहा है। बांग्लादेश में हिदुओं का कत्लेआम से मानवाधिकार का हनन भारत के लिए अत्यंत पीड़ादायक रहा है। बांग्लादेश में हिदुओं को टारगेट बनाकर भारत विरोधी ताकत को पहचानने की आवश्यकता है।

बांग्लादेश वाली घटना से सबक लेकर हमे अलर्ट रहने की आवश्यकता है। अफगानिस्तान में बंदूक की नोंक पर देश मे तालिबानी आकाओं ने राज छीन लिया। बांग्लादेश और श्री लंका जैसे लोकतांत्रिक देशों के तख्तापलट की अंतरराष्ट्रीय साजिश बहुत कुछ बयां करने के लिए तैयार है।

प्रधानमंत्री शेख हसीना अपनी जान बचाकर भारत मे रह रही हैं। जबकि बांग्लादेश में हिदुओं के लिए सरकार ने औपचारिकता पूरी नहीं की है। बेसहारा छोड़े गए हिन्दू और हिदुओं के मंदिर में तोड़फोड़ कर हिंसात्मक प्रवृत्ति को आज भी आगे बढ़ाने के लिए सोची समझी चाल है। उपद्रवियों ने कत्लेआम करके कट्टरपंथी ताकतों को बढ़ावा दिया  है।

हर नागरिक की जानमाल की गारंटी सरकार की होनी चाहिए। बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद नए बने प्रधानमंत्री ने आश्वासन जरूर दिया है लेकिन हिदुओ पर हो रहे जुल्मोसितम आज भी बन्द नहीं  हुए हैं । मुस्लिम बहुसंख्यक देशों में हिन्दू होना बहुत बड़ा गुनाह है। देश की स्थिति समय आने पर जरूर सुधरती दिखाई देगी। स्थाईं शांति भी होगी, लेकिन 750 लोगी की हत्या का जिम्मेदार कौन है?कानून व्यवस्था को नहीं संभाला जाना वहां के हुक्मरानों की सबसे बड़ी भूल है।

गौरतलब है कि  65 थानों में ताला लगा दिया गया था। वहाँ पर पुलिस नहीं थी, जहाँ पर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगो की आबादी थी। मुस्लिम देशों में हिन्दू सुरक्षित नही है। पाकिस्तान में भी हिन्दू और हिन्दू मन्दिरों की क्या दशा है। यह विचारणीय विषय है कि वहां हिन्दू धर्म के लोग सुरक्षित क्यों  नहीं है। दरअसल, अल्पसंख्यकों की प्रतिरक्षा और आंतरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की होनी चाहिए । भारत मे मुस्लिम समाज जितना सुखी और खुशमिजाज है, वैसा दुनिया मे कहीं  नही है। विपक्षी दल गाजा पट्टी की चिन्ता करते हैं, लेकिन कांग्रेस और इंडी गठबंधन की अनेक पार्टियों ने बांग्लादेश में हिन्दुओं पर होने वाले जुल्मो सितम का विरोध नहीं किया है। सांत्वना के दो शब्द भी नहीं बोले है। वर्तमान बांग्लादेश में  हिन्दुओं का कत्ले आम और वहां  पर हिन्दुओं पर किए जा रहे जुल्म सितम अब अंतराष्ट्रीय मुद्दा बन गया है।

विदेशों में बंग्लादेश के खिलाफ हाथों में तख्तियां लेकर हाय हाय के नारे लगाए जा रहे है। सरकार को चाहिए  कि वह बांग्लादेश की  हुकूमत पर दबाव बनाए कि वह हिन्दुओ की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेकर भारत का भरोसा बढ़ाए। इसके  साथ ही  बांग्लादेश में हिन्दुओं के साथ मानवाधिकार हनन का मामला अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मजबूती के साथ  उठाए जाने की आवश्यकता है ।

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News Desk

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