Loading Now

जम्मू-कश्मीर में होने वाले चुनाव में कांग्रेस ने बनाई रणनीति

Chunavi Ranniti

जम्मू-कश्मीर में होने वाले चुनाव में कांग्रेस ने बनाई रणनीति

कांग्रेस ने अब जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को किसी भी कीमत पर सत्ता से बाहर रखने की ठान ली है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विधानसभा चुनाव के लिए सूबे की इलाकाई पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस से गठबंधन करने की घोषणा की है। 

गौरतलब है कि यह वही नेशनल कॉन्फ्रेंस है, जोकि सूबे में धारा 370 हटाने का लगातार विरोध करती रही है और जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने और अलग झंडा करने की हिमायती रही है। यह वही नेशनल कॉन्फ्रेंस है, जिसके शासन काल में सन् 1990 में बड़ी संख्या में कश्मीरी पंडितों को राज्य से पलायन करना पड़ा था। यह वही पार्टी है जिसके शासनकाल में सूबे में अशांति और आतंकवाद को बढ़ावा मिला था। जम्मू कश्मीर की जनता को इस चुनाव में मतदान करने से पहले यह तय करना होगा कि आखिर वह चाहती क्या है..? मुख्य धारा के साथ जुड़कर सूबे का चौतरफा विकास, पर्यटन तथा रोजगार की संभावनाएं अथवा सत्ता की चाह में सूबे को दलदल में धकेलने वाले दलों को वोट देकर सूबे में अशांति और दहशतगर्दी का माहौल कायम करना। हालांकि, सूबे की जनता अब जागरूक हो चली है और वह अपना भला बुरा समझते हुए विवेक से निर्णय लेगी। 

जम्मू-कश्मीर की 90 सीटों पर होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के गठबंधन को लेकर भाजपा नेताओं ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है। कांग्रेस पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जमकर निशाना साधा है।

अमित शाह ने कहा कि सत्ता के लालच में बार-बार देश की एकता और सुरक्षा के साथ खेलने वाली कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर चुनाव में अब्दुल्ला परिवार की नेशनल कांफ्रेंस के साथ गठबंधन करके फिर से अपने मंसूबों को देश के सामने रखा है।

अमित शाह ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के घोषणा पत्र पर कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी से 10 सवाल पूछे हैं।

उन्होंने कहा है कि क्या कांग्रेस ‘नेशनल कांफ्रेंस’ के जम्मू-कश्मीर में फिर से ‘अलग झंडे’ के वादे का समर्थन करती है? क्या राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी आर्टिकल-370 और आर्टिकल-35A को वापस लाकर जम्मू-कश्मीर को फिर से अशांति और आतंकवाद के युग में धकेलने के नेशनल कॉन्फ्रेंस के निर्णय का समर्थन करती है?

शाह ने पूछा है कि क्या कांग्रेस कश्मीर के युवाओं के बदले पाकिस्तान के साथ वार्ता करके फिर से अलगाववाद को बढ़ावा देने का समर्थन करती है? क्या कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी, पाकिस्तान के साथ ‘LoC व्यापार’ शुरू करने के नेशनल कांफ्रेंस के निर्णय से फिर से बॉर्डर पार से आतंकवाद और उसके इकोसिस्टम का पोषण करने का समर्थन करते हैं?

गृह मंत्री ने कहा है कि क्या कांग्रेस आतंकवाद और पत्थरबाजी की घटनाओं में शामिल लोगों के परिजनों को फिर से सरकारी नौकरी में बहाल करके आतंकवाद, दहशतगर्दी और बंद के दौर को फिर से लाने का समर्थन करती है? उन्होंने कहा कि इस गठबंधन से कांग्रेस पार्टी का आरक्षण विरोधी चेहरा सामने आया है, क्या कांग्रेस दलितों, गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ियों के आरक्षण को समाप्त कर फिर से उनके साथ नाइंसाफी  करने के नेशनल कॉन्फ्रेंस के वादे के साथ है? क्या कांग्रेस चाहती है कि ‘शंकराचार्य पर्वत’ ‘तख़्त-ए-सुलिमान’ और ‘हरि पर्वत’ ‘कोह-ए-मारन’ के नाम से जाने जाएं?

शाह ने कांग्रेस हाईकमान से पूछा है कि क्या कांग्रेस जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को एक बार फिर से भ्रष्टाचार की आग में झोंक कर पाकिस्तान समर्थित गिने-चुने परिवारों के हाथों में सौपने का समर्थन करती है? क्या कांग्रेस पार्टी  नेशनल कॉन्फ्रेंस के जम्मू और घाटी के बीच भेदभाव की राजनीति का समर्थन करती है?

उन्होंने कहा है कि क्या कांग्रेस और राहुल गांधी कश्मीर को ऑटोनॉमी देने की  नेशनल कॉन्फ्रेंस की विभाजनकारी सोच और नीतियों का समर्थन करते हैं.?

 भाजपा नेता स्मृति ईरानी ने भी कांग्रेस पर जबरदस्त तरीके से निशाना साधा है। स्मृति ईरानी ने कहा कि सत्ता का लालच कांग्रेस पार्टी और नेशनल कॉन्फ्रेंस को एक साथ ले आया है। उन्होंने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस की ये घोषणा है कि वह जम्मू कश्मीर में धारा 370 दोबारा वापस लाकर राष्ट्र भर में अशांति का माहौल लाने का दुस्साहस करेगी। 

स्मृति ईरानी ने सवाल किया कि क्या कांग्रेस पार्टी, नेशनल कॉफ्रेंस के इशारे पर अलगाववाद को बढ़ावा देने का समर्थन करती है? उन्होंने आरोप लगाया कि गठबंधन ने कांग्रेस पार्टी के आरक्षण विरोधी रुख को उजागर कर दिया है। क्या कांग्रेस  नेशनल कॉन्फ्रेंस के दलितों, गुज्जरों, बकरवालों और पहाड़ी समुदायों के लिए आरक्षण समाप्त करने के वादे का समर्थन करती है, जिससे उन पर अन्याय हो रहा है? उन्होंने कहा कि धारा-370 हटने के बाद भारत ने और भारतीयों ने अपने राष्ट्रीय संकल्प को पूरा किया कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक ‘एक निशान, एक विधान और एक प्रधान’ रहेगा। क्या नेशनल कॉफ्रेंस के चलते कांग्रेस पार्टी ‘अलग झंडे’ के वादे का समर्थन करती है?

उन्होंने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस एलओसी व्यापार के बारे में बोलती है, जबकि पाकिस्तान आतंकवाद को पोषित करना जारी रखता है… क्या कांग्रेस पार्टी जम्मू-कश्मीर में अशांति पैदा करने के कई मंचों पर घोषित पाकिस्तानी एजेंडे का समर्थन करती है? उन्होंने सवाल किया कि क्या कांग्रेस पार्टी इसका समर्थन करती है। नेशनल कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को वापस उन कुछ परिवारों के हाथों में धकेलना चाहती है जिनके भ्रष्टाचार से भारत के करदाताओं का खून बह रहा है?

अपना हमला जारी रखते हुए उन्होंने कहा कि क्या कांग्रेस पार्टी कश्मीर को स्वायत्तता देने की नेशनल कॉन्फ्रेंस की खतरनाक, विभाजनकारी राजनीति का समर्थन करती है? कांग्रेस पार्टी को जवाब देना होगा कि क्या राष्ट्रीय सम्मेलन का अनुच्छेद 370 की बहाली का एजेंडा उन्हें स्वीकार्य है। क्या इसका मतलब ये भी है कि कांग्रेस पार्टी आरक्षण के ख़िलाफ़ खड़ी है?…अपवित्र गठबंधन कई सवालों को जन्म देता है। न केवल जम्मू-कश्मीर के लोग बल्कि पूरा देश कांग्रेस पार्टी के जवाब का इंतजार कर रहा है।

हिन्दुस्तान का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू कश्मीर की जनता को इस चुनाव में जागरूक होकर अपने मत का इस्तेमाल करना होगा। उन्हें  प्रकृति के अनुपम सौंदर्य से ओत प्रोत इस राज्य की सुंदरता और खुशहाली बनाए रखने के लिए ऐसे नेताओं को सूबे के राजसिंहासन की गद्दी सौंपनी होगी, जोकि राज्य की जनता की खुशहाली और राज्य के विकास के लिए समर्पित होकर काम करें।

Share this content:

About The Author

आप अपनी खबरें न्यूज डेस्क को eradioindia@gmail.com पर भेज सकते हैं। खबरें भेजने के बाद आप हमें 9808899381 पर सूचित अवश्य कर दें।

You May Have Missed

error: Copyright: mail me to info@eradioindia.com