कानपुर की सीसामऊ विधानसभा सीट पर उपचुनाव में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए शुक्रवार को सपा की समीक्षा बैठक हंगामे की भेंट चढ़ गई। यहां सपा विधायकों, प्रदेश अध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारियों के बीच जमकर बहस हुई। पहले पार्टी के आर्यनगर क्षेत्र के विधायक अमिताभ बाजपेई अपने प्रदेश अध्यक्ष श्यामलाल पाल की बात पर उखड़ गए। इसके बाद महानगर अध्यक्ष फजल महमूद ने कहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव के प्रचार के आखिरी दिनों में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के महानगर आने से कैंट की हारी हुई सीट पार्टी की जीत में बदल गई।
इस बात से कैंट के सपा विधायक मोहम्मद हसन रूमी भी भड़क उठे। महानगर अध्यक्ष फजल महमूद उंगली दिखाकर बात करने से मामला और बिगड़ गया। इस पर विधायक अमिताभ बाजपेई और हसन रूमी ने कहा कि तमीज से बात करो। विधायकों के विरोध को देखते हुए उनके समर्थकों ने भी मंच पर आकर नारेबाजी शुरू कर दी। बैठक में रूमी का कहना रहा कि उनकी जीत को सिर्फ राष्ट्रीय अध्यक्ष के आने से क्यों जोड़ रहे हैं। अमिताभ बाजपेई ने प्रदेश अध्यक्ष श्यामलाल से कहा कि समीक्षा बैठक में ऐसी बातें नहीं की जानी चाहिए।
वहीं, जब विधायक अमिताभ से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पार्टी के अंदर कोई मनमुटाव और विरोध नहीं है। लेकिन हंगामे की बात पर वह चुप्पी साध गए। उधर, कैंट विधायक हसन रूमी ने तो अपना मोबाइल ही स्विच ऑफ कर लिया।
दरअसल, जिस समय प्रदेश अध्यक्ष सीसामऊ उप चुनाव को लेकर बनाई गई पदाधिकारियों की टीम की सूची लेकर समीक्षा कर रहे थे उसी समय अमिताभ बाजपेई ने माइक से बोला कि जिन पदाधिकारियों की सूची प्रदेश अध्यक्ष लेकर आए हैं, वही सूची जिला और पुलिस प्रशासन के पास भी। उन सभी को प्रशासन की ओर से परेशान किया जा रहा है। ऐसे में समीक्षा बैठक खुले में नहीं बंद कमरे में की जानी चाहिए।
इस पर प्रदेश अध्यक्ष ने अमिताभ से कहा कि यहां इस तरह की बात मत कीजिए। इस पर अमिताभ ने हाथ में पकड़े हुए माइक को झटके से टेबल पर फेंकने की स्टाइल में रख दिया और वहां से बाहर आ गए। उनके साथ उनके समर्थक भी नारेबाजी करते हुए निकल आए। इस मामले में महानगर अध्यक्ष फजल महमूद और राष्ट्रीय सचिव अपर्णा जैन ने दोनों विधायकों पर दोष मढ़ते हुए इसकी शिकायत राष्ट्रीय अध्यक्ष से करने की बात कही।