ई रेडियो इंडिया ब्यूरो, नई दिल्ली।
केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि 2026-27 तक भारत में जीडीपी का कम से कम 20 फीसदी हिस्सा डिजिटल इकोनाॅमी का होगा जो वर्तमान में 10 प्रतिशत है। उन्होंने देश की ब्रॉडबैंड पहुंच बढ़ाने, रेगुलेटरी बाॅडी को मजबूत करने और समावेशी डिजिटल इकोसिस्टम को बढ़ावा देने पर जोर दिया।
राष्ट्रीय राजधानी में दक्षिण एशियाई दूरसंचार नियामक परिषद (SATRC-25) का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि भारत 1.2 अरब फोन और 97 करोड़ इंटरनेट सब्सक्राइबर के साथ एक डिजिटल महाशक्ति के रूप में उभरा है। भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था अब हमारी कुल अर्थव्यवस्था का 10 प्रतिशत हिस्सा है, जो एक दशक पहले 3.5 प्रतिशत थी।
उन्होंने कहा, “हमारी डिजिटल अर्थव्यवस्था राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था से 2.8 गुना तेजी से बढ़ रही है और हमें उम्मीद है कि यह 2026-27 तक 20 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी।” सिंधिया ने SATRC सदस्य देशों से डिजिटल समावेशन, टिकाऊ नेटवर्क ढांचा और उपभोक्ता संरक्षण जैसे प्रमुख मुद्दों पर सहयोग करने का आग्रह किया।
केंद्रीय मंत्री ने सिंधिया कहा कि दक्षिण एशिया को एक जुड़े हुए सुदृढ़ और टिकाऊ भविष्य के निर्माण के लिए एकजुट होना चाहिए जो साझा मूल्यों और परस्पर सहयोग से समृद्ध हो। भारत ने ग्लोबल साउथ की आवाज के रूप में अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि नीतियों के निर्माण में सुरक्षित, सुरक्षित और मानक-आधारित भविष्य को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। सदस्य देशों में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, ईरान, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका शामिल हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दक्षिण एशिया वैश्विक आईसीटी (सूचना और संचार प्रौद्योगिकी) विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। गैर-स्थलीय नेटवर्क (NTNs) का आगमन दूरसंचार कवरेज को सदस्य देशों के सबसे दूरस्थ कोनों तक पहुंचाने का एक परिवर्तनकारी अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहा, “मुझे विश्वास है कि NTNs का विकास संचार प्रौद्योगिकियों में नए आयाम खोलेगा, विभिन्न क्षेत्रों में नवीन अनुप्रयोगों को प्रेरित करेगा, और अंततः हमारे संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य ओर सामूहिक यात्रा को आगे बढ़ाएगा।