- विपक्ष ने अमित शाह पर किया था हमला
- अब अठावले व चिराग ने किया बचाव
संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर से जुड़े अमित शाह के बयान पर घमासान मचा हुआ है. विपक्ष उनसे माफी मांगने की बात कह रहा है. इस बीच केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले और चिराग पासवान ने प्रतिक्रिया दी है. दोनों नेताओं ने कांग्रेस को घेरा है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को राज्यसभा में संविधान पर चर्चा में हिस्सा लिया था. तमाम मुद्दों को लेकर उन्होंने कांग्रेस को घेरा था. संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का जिक्र करते हुए भी उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोला था। उनके भाषण की क्लिप शेयर करते हुए कांग्रेस ने अमित शाह पर अंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया है। विपक्ष उनसे माफी मांगने की भी बात कह रहा है। अमित शाह के बयान कोलेकर विपक्ष के हंगामे पर एनडीए के सहयोगी केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले और चिराग पासवान ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि , अमित शाह का कहने का मतलब था कि कांग्रेस ने बाबा साहेब अंबेडकर को 2 बार हराया था. कांग्रेस के कारण ही उन्हें मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा था. कांग्रेस बाबा साहेब को अपमानित करने वाली पार्टी है. फिर भी ये लोग अंबेडकर-अंबेडकर करते रहते हैं. अमित शाह बाबा साहेब का बहुत सम्मान करते हैं. उन्होंने बाबा साहेब का अपमान करने वाली कांग्रेस को जवाब देने का काम किया।
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि कांग्रेस आज बाबा साहेब के सम्मान को लेकर चिंता जता रही है. ये वही कांग्रेस है जिसने बाबा साहेब अंबेडकर के रहते हुए उन्हें सम्मान देना जरूरी नहीं समझा. दशकों तक उनकी एक तस्वीर तक भारत की संसद में लगाना कांग्रेस ने जरूरी नहीं समझा. उनके सम्मान में भारत रत्न देना भी उन लोगों ने जरूरी नहीं समझा.
चिराग ने कहा कि , आज कांग्रेस केवल एक प्रतिस्पर्धा में है, क्यों? क्योंकि आज प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र की एनडीए सरकार ने भीमराव अंबेडकर के जीवन से जुड़े प्रमुख पलों को विकसित कर उन्हें चिन्हित करने का काम किया है. जब तक कांग्रेस सत्ता में रही उन्होंने बाबा साहेब का नाम लेना तो दूर की बात है उनके नाम को भुलाने का काम किया. आज उसी कांग्रेस पार्टी को बाबा साहेब के सम्मान की चिंता हो रही है? कांग्रेस केवल दिखावा कर रही है.
एलजीपी (आर) सांसद शांभवी चौधरी ने कहा, विपक्ष के पास देशहित के मुद्दे नहीं हैं. उनकी एक आदत बन चुकी है कि किसी भी तरह से सदन की कार्यवाही को स्थगित करना है. किसी भी एक लाइन को तोड़-मरोड़कर पेश करने की उनकी आदत हो गई है. जहां तक बात बाबा साहेब अंबेडकर की है तो कांग्रेस के लोग बार-बार उन्हें राजनीतिक मुद्दे की तरह पेश करते हैं लेकिन कांग्रेस ने कभी भी उन्हें सम्मान नहीं दिया.
आइए हम आपको बताते हैं कि गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में क्या कहा था?
अभी एक फैशन हो गया है अंबेडकर…अंबेडकर…अंबेडकर…अंबेडकर, इतना नाम अगर भगवान का लेते तो 7 जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता. अमित शाह के भाषण का इतना अंश कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किया है. इसके बाद बीजेपी ने वीडियो पोस्ट किया. इसमें अमित शाह कहते हैं, अंबेडकर जी के प्रति आपका भाव क्या है, ये मैं बताता हूं. अंबेडकर जी को देश की पहली कैबिनेट से इस्तीफा क्यों देना पड़ा. उन्होंने कई बार कहा कि अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों से हुए व्यवहार से मैं असंतुष्ट हूं. सरकार की विदेश नीति और अनुच्छेद-370 से असहमत हूं. इसलिए वो छोड़ना चाहते थे.
अमित शाह आगे कहते हैं, उनको (अंबेडकर) आश्वासन दिया गया था, जो कि पूरा नहीं हुआ. इस पर उन्होंने अनदेखी के चलते इस्तीफा दे दिया था. बीसी रॉय ने पत्र लिखा कि अंबडेकर और राजा जी जैसे दो महानुभाव मंत्रिमंडल छोड़ेंगे तो क्या होगा. इस पर नेहरू जी ने जवाब दिया कि राजा जी के जाने से तो थोड़ा बहुत नुकसान होगा लेकिन अंबेडकर के जाने से कोई नुकसान नहीं होगा.
इसके बाद अमित शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष को नसीहत देते हुए कहा, जो खरगे जी कह रहे हैं कि क्या आपत्ति है, आप जिनका विरोध करते हो, वोट के लिए उनका नाम लेना कितना उचित है. क्योंकि अंबेडकर जी को मानने वाले पर्याप्त संख्या में आ गए हैं, इसलिए आप अंबेडकर…अंबेडकर कर रहे हो।
गृहमंत्री अमित शाह के इसी बयान को लेकर विपक्ष हमलावर है और उनके इस्तीफे की मांग कर रहा है।