
राजधानी दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी इस बार पूर्वांचल के वोट पर ज्यादा ध्यान नहीं दे रही है। वह अपने पारंपरिक वोट के आधार पर ही चुनाव लड़ रही है। दिल्ली में भाजपा का पारंपरिक वोट पंजाबी और वैश्य का रहा है। हालांकि प्रवासी मतदाताओं की संख्या बढ़ने के साथ साथ वैश्य व पंजाबी मतदाताओं की हैसियत घटी है फिर भी भाजपा का ध्यान उसी वोट पर है।
उसने किसी को चेहरा घोषित नहीं किया है लेकिन प्रदेश अध्य़क्ष वीरेंद्र सचदेवा हैं। इससे पंजाबियों को मैसेज दिया गया है। पार्टी ने मदनलाल खुराना के बेटे हरीश खुराना को भी मैदान में उतारा है। हर्ष मल्होत्रा को दिल्ली कोटे से केंद्र में मंत्री बनाया गया है।
भाजपा ने दिल्ली में सिर्फ छह उम्मीदवार पूर्वांचल के उतारे हैं, जबकि आम आदमी पार्टी के प्रवासी उम्मीदवारों की संख्या इससे दोगुनी है। ऐसे ही भाजपा ने बिहार की सहयोगी पार्टियों जदयू और लोजपा को एक एक सीट पर निपटाया है और दोनों के नेता भी प्रचार के लिए नहीं उतरे हैं।
भाजपा के 40 स्टार प्रचारकों की सूची में बिहार के सिर्फ दो ही नेता हैं, गिरिराज सिंह और सम्राट चौधरी। उत्तर प्रदेश से योगी आदित्यनाथ, केशव प्रसाद मौर्य, दिनेश लाल यादव निरहुआ और रवि किशन को रख गया है।
भाजपा के शीर्ष पांच छह नेताओं को हर राज्य के स्टार प्रचारकों की सूची में रखा जाता है। उनको छोड़ दें तो बाकी सूची पंजाबी, वैश्य, जाट, गूजर नेताओं से भरी है। हरियाणा और दिल्ली के नेताओं पर फोकस है।