चिकित्सक दिवस क्यों मनाया जाता है, कौन हैं डॉ विधानचंद्र राय, जानें एक क्लिक पर-
- त्रिनाथ मिश्र, ई-रेडियो इंडिया
देश में लोग राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के अवसर पर चिकित्सकों को बधाई दे रहे हैं और उनके प्रति आदर भाव प्रकट कर रहे हैं, लेकिन मेरा मानना है कि किसी खास दिन को ऐसे अवसरों को बांधना अच्छा नहीं है। क्योंकि चिकित्सक हमारे जीवन की एक ऐसी कड़ी है जो 24 घंटे सातों दिन के हिसाब से काम करते हैं। अगर हम अस्वस्थ हैं तो चिकित्सक भी पूर्णतया स्वस्थ होकर जीवन यापन नहीं करते, खासकर वो जिनके अधीन आप किसी हॉस्पिटल में एडमिट है या ट्रीटमेंट ले रहे हैं। तो ऐसे में चिकित्सक दिवस की जो परिकल्पना है वह और भी गंभीर और जिम्मेदारी पूर्ण मानी जाती है।
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भारत में कब से हुई चिकित्सक दिवस की शुरुआत
नेशनल डॉक्टर्स डे प्रत्येक वर्ष 1 जुलाई को मनाया जाता है भारत के एक महान चिकित्सक हुए और पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री भी थे वह डॉक्टर विधान चंद्र राय, उनकी याद में यह कार्यक्रम प्रतिवर्ष मनाया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि डॉ बिधान चंद्र राय #Dr_Vidhan_chandra_roy एक बेहद सुलझे हुए व्यक्ति थे।
भारत में डॉक्टर्स डे की शुरुआत 1991 से मानी जाती है, इसी वर्ष तत्कालीन सरकार ने डॉक्टर्स डे को मनाया था और तब से लगातार यह परंपरा बन गई। ऐसा भी माना जाता है कि जो इसकी परिकल्पना है उसके पीछे डॉक्टर्स को एक विशेष तरह का सम्मान देने की मंशा है। ऐसे में यह भी कहा जा सकता है कि डॉक्टर दिवस मनाना हम सभी लोगों के लिए सौभाग्य की बात है।
Vidhan Chandra Roy कहां के थे?
विधान चंद्र राय बिहार के रहने वाले थे पटना जिले में 1 जुलाई 1982 को उनका जन्म हुआ था। कोलकाता में अपनी मेडिकल की शिक्षा पूरी करने के बाद एमआरसीपी और एफआरसीपी की उपाधि प्राप्त की, इसके बाद कोलकाता मेडिकल कॉलेज में ही वह व्याख्याता बन गए।
बाद में राय साहब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में सदस्यता लेकर राजनीति में आ गए थे और इसके बाद पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बने। सबसे बड़ी बात यह है कि उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। वो दूरदर्शी नेतृत्व के लिए जाने जाते थे और पूरे देश को एक नई तरीके की शिक्षा व नई तरीके की व्यवस्था देते हुए विधान चंद्र राय 1962 में अपने जन्मदिन यानी 1 जुलाई के ही दिन स्वर्ग सिधार गए।
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