नई दिल्ली। इस साल चुने गए 62 राज्यसभा सदस्यों में से 44 प्रतिशत के खिलाफ विभिन्न आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें 11 सदस्य (18 प्रतिशत) ऐसे हैं, जिन पर हत्या, हत्या का प्रयास, दुष्कर्म, डकैती और चोरी जैसे गंभीर अपराध का आरोप है।
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यह राज्यसभा सदस्य भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), वाईएसआरसीपी और तृणमूल कांग्रेस जैसी प्रमुख पार्टियों से जुड़े हुए हैं। उनके स्व-घोषित चुनावी हलफनामों से इसकी जानकारी मिली है। नेशनल इलेक्शन वॉच (एनईडब्ल्यू) और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के एक विश्लेषण में बताया गया है कि इन 62 सांसदों में से 16 (26 प्रतिशत) ने खुद के खिलाफ अन्य आपराधिक मामलों की घोषणा की है।
इसके अलावा अन्य पार्टियों से एक-एक सांसद आपराधिक मामलों में लिप्त है, जिनमें तृणमूल कांग्रेस (25 प्रतिशत), बीजू जनता दल (25 प्रतिशत), द्रविड मुनेत्र कड़गम (डीएमके) (33 प्रतिशत), राष्ट्रीय जनता दल (50 प्रतिशत), जनता दल युनाइटेड (50 प्रतिशत), आरपीआई-ए (100 प्रतिशत) और निर्दलीय सदस्य (100 फीसदी) शामिल हैं।
अगर राज्यवार देखें तो महाराष्ट्र से सबसे अधिक कुल सात में चार (57 प्रतिशत) सांसद आपराधिक केस का सामना कर रहे हैं। इसके बाद पांच में से दो सांसद बिहार (40 प्रतिशत), छह में से एक तमिलनाडु (17 प्रतिशत), पांच में से एक पश्चिम बंगाल (20 प्रतिशत), चार में से दो आंध्र प्रदेश (50 प्रतिशत), चार में से एक गुजरात (25 प्रतिशत) सांसद शामिल हैं।