मेरठ। बदलते मौसम में टीबी के मरीजों को खास एहतियात बरतने की जरूरत है। इस संबंध में जिला क्षय रोग अधिकारी ने गाइडलाइंस भी जारी की है। उन्होंने कहा कि कोविड 19 संक्रमण का असर बेशक कम हो गया है, लेकिन अभी भी सतर्कता बरतने की जरूरत है।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. गुलशन राय ने बताया कि टीबी रोगियों के लिए बीच में इलाज छोड़ना काफी गंभीर समस्या है। कई ऐसे मरीज सामने आए हैं जो बीच में ही इलाज छोड़ देते हैं। इसकी वजह से परेशानी कई गुना बढ़ जाती है। पूरा इलाज कराने और सही पोषण से ही रोगी पूरी तरह ठीक हो सकता है। उन्होंने जिले के सभी टीबी रोगियों से अपील कि वह किसी भी परिस्थिति में इलाज अधूरा न छोड़ें।
लक्षण दिखते ही कराएं जांच
टीबी अधिकारी ने बताया कि इस मौसम में खांसी, जुकाम, बुखार होना आम बात है। यदि किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से अधिक खांसी रहती है। खांसी में बलगम के साथ खून आता है, बुखार रहता है, वजन कम हो रहा हो, रात में सोते समय पसीना आता हो तो यह टीबी के लक्षण हो सकते हैं। इसके लिए किसी भी नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जांच करवाएं। उन्होंने बताया कि कम प्रतिरोधक क्षमता होने की वजह से मरीज को काफी समस्या हो सकती है। लोगों को कोई भी संक्रमण आसानी से अपनी गिरफ्त में ले लेता है। इसके लिए खानपान पर विशेष ध्यान दें। हरी सब्जियां, सलाद और दालों को अपने खानपान में नियमित रूप से शामिल करें।
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जागरूक होने की जरूरत
मरीजों को जागरूक होने की काफी आवश्यकता है। 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य है। हम टीबी से तभी छुटकारा पा सकते हैं जब मरीज अपने स्तर पर जांच कराएं और समय से इलाज ले। विभाग अपने स्तर से सभी कार्य कर रहा है। -डॉ. गुलशन राय, जिला क्षय रोग अधिकारी मेरठ