पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बात करें तो 14 जिलों की 71 सीटें इस चुनाव में बीजेपी की सबसे बड़ी चुनौती हैं।किसान बाहुल्य इन जिलों में सरकार के खिलाफ किसानों में भारी गुस्स है। किसान कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 10 महीने से अपनी नाराजगी जता रहे हैं।
वेस्ट यूपी में किसान आंदोलन से उपजी नाराजगी को दूर करने के लिए भाजपाईयों ने 100 दिन का विशेष प्लान तैयार किया है। भाजपा कार्यकर्ता गांव से शहर तक घूमकर विशेष अभियान चलाएंगे। किसानों, युवाओं, जनता को सरकारी योजनाओं की जानकारी देकर उनकी परेशानी दूर करेंगे।
3 महीना 10 दिन के अभियान में पार्टी का मुख्य फोकस किसानों पर है मगर उद्यमियों, महिलाओं पर पार्टी की खास नजर है। महिला मोर्चा, युवा मोर्चा, किसान मोर्चा, जातिगत मोर्चों व प्रकोष्ठों को विशेष जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। उत्तर प्रदेश में 2022 का विधानसभा चुनाव इस बार किसी जंग से कम नहीं है।
हर पार्टी पूरे दमखम के साथ जुटी हुई है। इसको देखते हुए भाजपा ने ग्राउंड जीरो से मैनेजमेंट बनाया है। किसान आंदोलन से तप रहे पश्चिमी उप्र में अन्नदाताओं का वोट बैंक हासिल करने के लिए भाजपा ने विशेष रोडमैप तैयार किया है। 100 दित तक भाजपा कार्यकर्ता गांव से शहर में किसानों के दर जाएंगे 2 अक्तूबर गांधी जयंती से 10 जनवरी 2022 तक भाजपा कार्यकर्ताओं को इस विशेष अभियान को पूरा करना होगा।
मेरठ में भाजपा के पश्चिम क्षेत्र के क्षेत्रीय कार्यालय में 100 दिनों का रोडमैप कार्यकर्ताओं को समझाया जा रहा है। पश्चिमी उप्र के चुनाव प्रभारी एवं करनाल के सांसद संजीव भाटिया, क्षेत्रीय अध्यक्ष मोहित बेनिवाल, क्षेत्रीय प्रभारी जेपीएस राठौड़ 100 दिन के अभियान की जानकारी दे रहे हैं। सभी मोर्चों के क्षेत्रीय व जिलाध्यक्षों के साथ अलग अलग बैठकें हो रही हैं। इसमें दायित्वों के बंटवारे के साथ उन्हें सौ दिन का प्लान समझाया जा रहा है।
अभियान को सफल बनाने के लिए क्षेत्रीय कार्यालय में रोजाना बैठकें हो रही हैं। यूपी में चुनाव सहप्रभारी और जाटों में अच्छी पकड़ रखने वाले नेता हरियाणा सरकार के पूर्व राज्यमंत्री कैप्टन अभिमन्यु भी जिलाध्यक्षों से संपर्क में हैं।