- बुलंदशहर, संवाददाता
Bulandshahar Hindi News: यूपी में योगी सरकार महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा सम्मान और स्वावलंबन के उद्देश्य से “मिशन शक्ति अभियान” चला रही है लेकिन महिलाओं के बढ़ रहे उत्पीड़न के सामने अभियान कागजी साबित हो रहे हैं भले ही महिलाओं को सशक्त बनाने और महिलाओं का शोषण रोकने के जितने दावे किए जा रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग में अधिकारी जमकर महिला कर्मचारियों का शोषण कर रहे हैं। उच्चाधिकारियों से न्याय की गुहार लगाते लगाते स्वास्थ्य विभाग में कई महिला कर्मचारी थक कर बैठ गईं लेकिन इंसाफ नही मिला।
मामले में लखनऊ से हुए पत्र के आधार पर जांच कराने के निर्देश दिए हैं। यदि आरोप सही पाए जाते हैं तो आरोपी अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। -रविंद्र कुमार, डीएम
बुलंदशहर स्वास्थ्य विभाग में तैनात एक बीसीपीएम ने अब मामले में मुख्यमंत्री, डीएम को शिकायत भेजकर डीसीपीएम पर गालियां देने और शोषण करने का आरोप लगाया है। अब विभाग के अधिकारी मामले को दबाने में जुटे हैं। केंद्र और प्रदेश सरकार लगातार महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रहीं हैं।
साथ ही शोषण करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का दम भी भर रही है। वहीं, स्वास्थ्य विभाग के डीसीपीएम (जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक) कुलदीप सिंह के खिलाफ विभाग की ही एक बीसीपीएम समेत अन्य महिला कर्मचारियों ने अभद्र भाषा का प्रयोग करने और शिकायत करने पर अन्य स्थानों पर तबादला करने की धमकी देने का आरोप लगाया है।
पीड़िता ने कई ऑडियो भी अधिकारियों को भेजी है, जिसमें एक व्यक्ति एक महिला से मासिक रिपोर्ट समय पर न देने के लिए न केवल गाली गलौंच कर रहा है, बल्कि ऐसी भाषा का प्रयोग कर रहा है, जिसमें पुरुषों के लिए प्रयोग करना भी अच्छा नहीं माना जाता है।
आरोप लगाया है कि विभाग में नए सीएचओ की तैनाती की जा रही है। उनसे रुपये लेकर हमारा तबादला दूर के क्षेत्रों में किया जा रहा है। जिससे महिला कर्मचारियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। धमकी दी जा रही है कि जो भी कर्मचारी 10 से 15 हजार रुपये नहीं देंगी उनका तबादला दूर के क्षेत्रों में कर दिया जाता है। इससे विभाग में तैनात महिला कर्मचारी काफी असुरक्षित महसूस कर रहीं हैं।
उन्होंने मांग की है कि महिला कर्मचारियों को उनके वर्तमान तैनाती स्थल पर ही रहने दिया जाए।विभागीय अधिकारी साध रहे चुप्पी, शासन ने दिए जांच के आदेश स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मामले को दबाने में जुटे हुए हैं, तो वहीं पीड़िता की शिकायत पर शासन ने डीएम को पत्र लिखते हुए मामले की जांच के आदेश दिए हैं। अब डीएम ने भी मामले में जांच कराते हुए कार्रवाई कराने का आश्वासन दिया है।
लगाए गए आरोप पूरी तरह से निराधार हैं, ऐसी भाषा का प्रयोग किसी भी महिला कर्मचारी के साथ नहीं किया गया है। -कुलदीप सिंह, डीसीपीएम