Cancer Knowledge in Hindi: इस दौड़ती-भागती जिंदगी में इंसान कब कौन सी बीमारी से घिर जाए, इस पर कुछ नहीं कहा जा सकता। बदलते दौर में एक के बाद एक ऐसी बीमारियां (Cancer Knowledge in Hindi) सामने आ रही हैं जो मानव जाति को काफी डरा रही हैं। इन्हीं बीमारियों में से एक बीमारी है कैंसर। विश्व भर में हर साल 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस (WORLD CANCER DAY) मनाया जाता है।
साल 1933 में इस दिन को मनाने की शुरुआत हुई थी और इसके पीछे ये उद्देश्य रहता है कि लोगों को इस बीमारी और इससे बचने के तरीकों को लेकर जागरूक किया जा सके। तो चलिए आपको इस दिन के बारे में कुछ खास बातें बताते हैं। हर बार 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस (WORLD CANCER DAY) मनाया जाता है इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगो के बीच जागरुकता फैलाना है ओर इस बीमारी को कम करना है।
कैंसर एक जानलेवा बीमारी है यह मानव शरीर कई अनगिनत कोशिकाओं यानी सेल्स से बना हुआ है और इन कोशिकाओं में निरंतर ही विभाजन होता रहता है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है और इसपर शरीर का पूरा नियंत्रण होता है। लेकिन कभी-कभी जब शरीर के किसी विशेष अंग की कोशिकाओं पर शरीर का नियंत्रण बिगड़ जाता है और कोशिकाएं बेहिसाब तरीके से बढ़ने लगती हैं, उसे कैंसर कहा जाता हैं।
मानव शरीर में जब कोशिकाओं के जीन में परिवर्तन होने लगता है, तब कैंसर (Cancer Knowledge in Hindi) की शुरुआत होती है। ऐसा नहीं है कि किसी विशेष कारण से ही जीन में बदलाव होते हैं, यह स्वंय भी बदल सकते हैं या फिर दूसरे कारणों की वजह से ऐसा हो सकता है, जैसे- गुटका-तंबाकू जैसी नशीली चीजें खाने से, अल्ट्रावॉलेट रे या फिर रेडिएशन आदि इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।
ज्यादातर यह देखा गया है कि कैंसर शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता यानि इम्यून सिस्टम की कोशिकाओं को समाप्त कर देता है, परंतु कभी-कभी कैंसर की कोशिकाएं को इम्यून सिस्टम झेल नहीं पाता और व्यक्ति को कैंसर जैसी लाइलाज बिमारी हो जाती है।
जैसे-जैसे शरीर में कैंसर वाली कोशिकाएं बढ़ती रहती हैं, वैसे-वैसे ट्यूमर यानि एक प्रकार की गांठ उभरती रहती है। यदि इसका उपचारसही समय पर न किया जाए तो यह पूरे शरीर में फैल जाता है।
कैंसर के 40 से 50 फीसदी मामलों को जीवनशैली में बदलाव कर रोका जा सकता है। 10 से 20 प्रतिशत कैंसर (Cancer Knowledge in Hindi) की रोकथाम स्वयं का निरीक्षण या अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देकर किया जाता है। अगर कैंसर का पता शुरुआती दौर में लग जाए तो इससे मुक्ति पाना संभव है। कैंसर को एक घातक और जटिल रोग माना जाता है। यह एक ऐसी बीमारी है जो शरीर कई के अंगों को प्रभावित करती है। जब शरीर में विषाक्त पदार्थ एक विशेष अंग के पास एकत्र होते हैं तो परिणामस्वरूप शरीर के सारे अंगों में विष फैल जाता है।
डॉक्टर्स और शोधकर्ता मानते हैं कि कैंसर (Cancer Knowledge in Hindi) 200 से भी अधिक तरह का होता है और इसीलिए इनके लक्षण भी विभिन्न होते हैं। लेकिन इस लेख में सिर्फ उन्हीं कैंसर के बारे में बताएंगे जिन्होंने लोगों को बहुत तेजी से अपना शिकार बनाया है। चलिए जानते हैं कि वो कैंसर के कौन से प्रकार हैं –
लोगों में सबसे तेजी से बढ़ने वाले कैंसर में ब्लड कैंसर सबसे आगे है। इस कैंसर में व्यक्ति के शरीर की रक्त कोशिकाओं में कैंसर पैदा होने लगता हैऔर इसी के चलते शरीर में रक्त की कमी हो जाती है और कैंसर बहुत तेजी से शरीर में संक्रमित होना शुरू हो जाता है।
फेफड़ों के कैंसर में व्यक्ति की स्थिति बहुत दयनीय और खराब हो जाती है। सांस लेने में परेशानी, बलगम जमने की दिक्कत, हड्डियों-जोड़ों में बेहिसाब दर्द और भूख ना लगना इसके प्रमुख लक्षण हैं। शरीर में भारी कमजोरी का आभास होता है। हर समय बेवजह ही थकान लगी रहती है। फेफड़ों के कैंसर के बढ़ने की वजह धुम्रपान है।
Cancer Knowledge in Hindi: ब्रेन कैंसर व्यक्ति के सिर वाले भाग में पनपता है। ब्रेन कैंसर का ही दूसरा नाम ब्रेन ट्यूमर भी है। इस कैंसर वाले रोगी के दिमाग वाले भाग में एक ट्यूमर यानि गांठ बन जाती है और यह गांठ समय के साथ-साथ बड़ी होने लगती है और धीरे-धीरे पूरे मस्तिष्क में फैल जाती है।
स्तन कैंसर या जिसे ब्रैस्ट कैंसर भी कहते हैं, यह विशेषकर महिलाओं को होता है, परंतु ऐसा नहीं है कि यह पुरुषों को नहीं हो सकता। इस कैंसर से ग्रसित औरतों के स्तन में एक प्रकार की गांठ बननी शुरु हो जाती है, जो धीरे-धीरे समयानुसार बढ़ने लगती है। यदि इससे बचाव करना है तो नियमित रूप से स्तन की जांच करवाते रहें।
चर्म कैंसर यानि स्किन कैंसर के मामले भी देश में बहुत तेजी से सामने आए हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि स्किन कैंसर (Cancer Knowledge in Hindi) बहुत अधिक गर्मी में रहने, उचित भोजन न करने और शून्य शारीरिक गतिविधि न करने से शरीर में पनपता है। स्किन कैंसर हर उम्र के व्यक्ति को हो सकता है।
शरीर में अत्यधिक थकान का बने रहना, ब्लड प्लेटलेट्स या लाल रक्त कोशिकाओं में गड़बड़ी का कारण हो सकता है, जिससे ल्यूकेमिया का खतरा बना रहता है। ऐसा होने पर अनदेखा न करें।
बगैर किसी कारण अचानक वजन कम होने पर, इसे अनदेखा न करें। यह कोलोन कैंसर की चेतावनी हो सकती है। यही नहीं य ह पाचन तंत्र के कैंसर के लिए भी जिम्मेदार हो सकता है। इसके अलावा बेवजह वजन घटना, लीवर कैंसर के लक्षण भी हो सकते हैं, जो आपकी भूख को प्रभावित करने के साथ ही, शरीर की अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने के क्षमता पर भी असर डालता है।
समान्य कमजोरी और थकान का बना रहना कई प्रकार के कैंसर के लक्षणों में शामिल है। साथ ही बिना कारण थकान महसूस होने पर यदि भरपूर नींद ओर आराम के बाद भी वह ठीक न हो तो इसे अनदेखा बिल्कुल न करें। डॉक्टर को जरूर दिखाएं।
शरीर के किसी भाग में कोई फोड़ा, गांठ या फिर कोई त्वचा के कई सारी परतें, जो एक ही जगह पर इकट्ठा हुई हों, यदि इलाज के बावजूद ठीक नहीं हो पा रही हो, तो इसे गंभीरता से लें। यह त्वचा का कैंसर भी हो सकता है। जो कई तरह का हो सकता है।
लंबे समय तक कफ का बना रहना और सीने में दर्द होना, ल्यूकेमिया के साथ ही कई प्रकार के कैंसर (Cancer Knowledge in Hindi) का खतरा पैदा करता है।यह लंग ट्यूमर या ब्रांकाईटिस के लक्षण भी हो सकते हैं। लंग कैंसर के कारण सीने में होने वाला दर्द कंधे और बांहों में भी बना रहता है।
कैंसर भारत में एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी समस्या है। आई.सी.एम.आर. के राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम के प्राक्कलनों के अनुसार, भारत में किसी भी समय पर कैंसर के लगभग 28 लाख मामले हैं और लगभग 11 लाख नए मामले प्रत्येक वर्ष आते हैं। लगभग 5 लाख रोगी बीमारी के कारण प्रतिवर्ष मरते हैं। यह चलन धीरे-धीरे बढ़ रहा है।
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