मेरठ। प्रदेश सरकार ग्रामीण जनता और किसानों की बेहतरी के लिए लगातार काम कर रही है। अब सहकारी समितियों को बिना ब्याज के 15 लाख रुपये मिलेंगे। इसी के साथ भंडारण केंद्र भी बनाए जा रहे हैं जहां किसान गन्ना रखकर ऋण ले सकता है। कचहरी चौराहा स्थित जिला सहकारी बैंक पर प्रेसवार्ता में सभापति विनय शर्मा ने ये बातें कहीं।
उन्होंने बताया कि अभी तक जिला सहकारी बैंक के माध्यम से सरकार दस लाख रुपये कैश एंड कैरी ऋण सीमा के तहत सब्सिडाइज्ड दरों पर देता था, जिसे बढ़ाकर अब 15 लाख कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि लगातार एनपीए में कमी आ रही है। 30 जून 2017 को जहां बकाया 470.92 करोड़ था तो वहीं 30 जून 2024 को यह 62.96 करोड़ रह गया।
अभी मेरठ में 84 और बागपत में 36 समितियों समेत कुल 120 समितियां हैं। जून 2017 पर 708.45 करोड़ ऋण था जो जून 2024 तक 913.94 करोड़ हो गई। ऐसे में 205.49 करोड़ की वृद्धि हुई है। आठ साल पहले 3.65 लाख सदस्य थे जबकि अब 4.70 लाख सदस्य हो गए हैं, जिनसे सदस्यता शुल्क में बैंक ने तीन करोड़ रुपये अर्जित किए।
विमल शर्मा ने बताया कि कृषकों को तीन प्रतिशत ब्याज दर पर तीन लाख की ऋण सीमा थी, जिसे बढ़ाकर पांच लाख किया गया है। पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 6527.46 लाख रुपये किसानों के खातों में हस्तांतरित किए गए। मेरठ में 83 व बागपत में 36 कॉमन सर्विस सेंटर बन गए हैं। मेरठ में दो और बागपत में आठ जन औषधि केंद्र कार्यरत हैं। अभी 100 एमटी क्षमता के मेरठ में 14 और बागपत में 7 ग्रामीण गोदाम का निर्माण किया जा रहा है। सचिव विनय सिंह, अंकुर सांगवान, हरवीर सिंह, दिनेश सिंह आदि उपस्थित रहे।