Commissioner Meerut ने वीडियोकॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मेरठ मंडल के सभी अपर जिलाधिकारी/ नोडल आईजीआरएस के साथ बैठक की। जिसमें शासन की प्राथमिकता में सम्मिलित आइजीआरएस पोर्टल एवं मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के माध्यम से प्राप्त जनशिकायत/ प्रार्थना पत्रों के निस्तारण की समीक्षा की गई।
Commissioner Meerut द्वारा निर्देश दिए गए कि जनशिकायतों के प्रति गंभीरता बरतें नोडल अधिकारी । जनपद मेरठ में डिफाल्टर की संख्या अधिक होने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए नोडल अधिकारी/एडीएम प्रशासन को सचेत किया गया।
जनपद मेरठ में आइजीआरएस के 300 डिफाल्टर लंबित हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री कार्यालय के 08 डिफाल्टर, पीजी पोर्टल के 33 डिफॉल्टर और मुख्यमंत्री आर्थिक सहायता हेतु प्राप्त कुल 127 आवेदन डिफाल्टर श्रेणी में पाए गए। जिस पर गहरी नाराजगी जताई गई गई।
Commissioner Meerut ने लंबित प्रकरण मिलने जताई नााजगी
इसके अतिरिक्त मंडलायुक्त (Commissioner Meerut) जनसुनवाई के 38 प्रकरण जिलाधिकारी के स्तर पर लंबित पाए गए, जिनमें 19 डिफाल्टर हैं। समीक्षा के दौरान मंडल में जनपद मेरठ एवं बुलंदशहर की स्थिति असंतोषजनक पाई गई। निर्देश दिए गए कि अगले तीन-चार दिनों में सभी डिफाल्टर संदर्भ का निस्तारण सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के माध्यम से प्राप्त संदर्भों में भी जनपद मेरठ का निस्तारण संतोषजनक नहीं पाया गया। एल-1 स्तर पर 82 डिफॉल्टर, L-2 स्तर पर 8 डिफॉल्टर तथा L-3 स्तर पर तीन डिफाल्टर जनपद मेरठ में लंबित है। अन्य जनपदों की स्थिति अपेक्षाकृत संतोषजनक पाई गई। प्रत्येक 15 दिनों पर मंडलायुक्त के द्वारा समीक्षा की जाएगी और आगामी बैठक में डिफाल्टर संदर्भ पाए जाने पर संबंधित को प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाएगी।।
विगत माह प्रदेश स्तरीय रैंकिंग में जनपद मेरठ को 44 वां स्थान प्राप्त हुआ, जिसमें सुधार लाने के निर्देश दिए गए। जनपद गाजियाबाद एवं बागपत को संयुक्त रूप से प्रथम स्थान, जनपद बुलंदशहर को 34 वा स्थान, जनपद गौतमबुधनगर एवं हापुड़ को संयुक्त रूप से 62वां स्थान मिला, जिसके प्रति अप्रसन्नता व्यक्त की गई।
Commissioner Meerut ने नोडल अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि स्वयं अपने मोबाइल में आइजीआरएस मोबाइल ऐप इंस्टॉल करें और प्रतिदिन 10 से 15 मिनट अवश्य समीक्षा करें। जो संदर्भ असंतोषजनक रूप से निस्तारण किए गए हैं, उनका संज्ञान लेकर संबंधित का उत्तरदायित्व निर्धारित करें।
यह भी निर्देश दिए कि जिन गरीब व्यक्तियों के आयुष्मान कार्ड नहीं बने हैं और गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं, उनको मुख्यमंत्री से आर्थिक मदद हेतु आवेदन प्रेषित कराए जाएं तथा इन आवेदनों के सापेक्ष तत्परतापूर्वक जांच कर रिपोर्ट भेजी जाए।
अंत में सभी अधिकारियों से अपेक्षा की गई कि जनसमस्याओं के प्रति पूरी गंभीरता बरतें और उनका समय अंतर्गत गुणवत्तापरक ढंग से निस्तारण कराएं। इसमें शिथिलता बरतने वाले अधिकारियों एवं विभागों को चिन्हित करते हुए अवगत कराएं। बैठक का संचालन अपर आयुक्त श्रीमती मेधा रूपम द्वारा किया गया।