- चुनाव में मन मुताबिक परिणाम न आने से घबराई कांग्रेस
- शीर्ष नेतृत्व में दिख रहा है हताशा का भाव
- सहयोगी दलों के बयानों पर विचार नहीं कर पा रही कांग्रेस
कांग्रेस पार्टी के नेता ‘इंडिया’ ब्लॉक के नेतृत्व के मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं। कोई बड़ा नेता बयान नहीं दे रहा है, जबकि ममता बनर्जी के बयान के बाद इसे लेकर सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है। ममता बनर्जी के बयान पर ‘इंडिया’ ब्लॉक की अनेक पार्टियों के सर्वोच्च नेता बयान दे चुके हैं। शरद पवार ने ममता बनर्जी का समर्थन किया है तो उद्धव ठाकरे की शिव सेना भी उनके समर्थन में हैं। तेजस्वी यादव ने समर्थन किया तो उनके पिता लालू प्रसाद ने एक कदम आगे बढ़ कर कह दिया कि कांग्रेस की नाराजगी की परवाह करने की जरुरत नहीं है। कांग्रेस के विरोध को अनदेखा करके ममता को नेता चुन देना चाहिए।
जानकार सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी पार्टी के नेताओं को निर्देश दिया है कि वे सहयोगी पार्टियों के नेताओं के बयान पर प्रतिक्रिया नहीं दे। तभी कांग्रेस के प्रवक्ता कुछ नहीं बोल रहे हैं और सोशल मीडिया में कोई टिप्पणी की जा रही है। असल में कांग्रेस के रणनीतिकारों का मानना है कि चुप्पी ही इस पूरे विवाद का असली जवाब है। हालांकि यह विवाद तुरंत खत्म नहीं हो वाला है क्योंकि विपक्षी पार्टियों की ओर से कांग्रेस पर दबाव बनाने के लिए ममता के नाम की चर्चा चलाए रखी जाएगी। कांग्रेस के सामने यह चुनौती सबसे ज्यादा बिहार से आएगी, जहां अगले साल चुनाव होने वाला है। उसके बाद जिन राज्यों में चुनाव है वहां के सहयोगी मोटे तौर पर कांग्रेस के साथ हैं।