प्रशासनिक लापरवाही और ग्रामीणों की निर्दयीता ने बल्दीराय के सिंदुरापुर डीह गांव में दो गोवंशों की जान ले ली। ठंड में खुले आसमान के नीचे भूख-प्यास से तड़पकर बेजुबानों की मौत हुई। जबकि स्कूल में बंधक बने हुए 200 से अधिक गोवंश 24 घंटे बाद आजाद हुए। उन्हें गोशाला ले जाया गया।
बल्दीराय तहसील अंतर्गत सिंदुरापुर डीह गांव में ग्रामीण आवारा पशुओं के आतंक से काफी परेशान थे। ग्रामीणों की फसलें बर्बाद हो रही हैं। लेकिन शिकायत के बाद भी आवारा पशु गोशाला में नहीं ले जाए गए। ऐसे में ग्रामीणों ने रविवार को प्राथमिक विद्यालय सिंदुरापुर डीह में 200 से अधिक आवारा पशुओं को बंधक बना लिया था। सुबह से लेकर रात भर जानवर विद्यालय में भूखे प्यासे बंद रहे।
किसान सत्येंद्र प्रताप सिंह, सियाराम, शिव मूरत, ध्रुव राज, बृजेश, लवलेश, संतोष, शुभम कुमार, रमेश कुमार, आदित्य, महेश कुमार आदि ग्रामीणों ने बताया कि हम लोग ग्राम प्रधान, सचिव व ब्लॉक पर खंडविकास अधिकारी तक से इसकी शिकायत कर चुके हैं। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
हम लोगों ने परेशान होकर यह निर्णय लिया कि पशुओं को स्कूल में हांककर बंद कर दें। ग्रामीणों ने किया भी ऐसा ही। करीब 24 घंटे बाद अधिकारियों ने मामले का संज्ञान लिया। सुबह 8 बजे के लगभग एक पिकअप वाहन से जानवरों को हलियापुर गोशाला भिजवाया जा रहा था।
लेकिन संख्या अधिक थी इसलिए ग्राम प्रधान प्रतिनिधि गोकरन शुक्ला ने दोपहर में ग्रामीणों को इकट्ठा करके ताला खोलकर सारे जानवरों को हलियापुर के लिए भिजवाने की व्यवस्था सड़क मार्ग से की। इतने में विद्यालय में दो गोवंश मरे हुए दिखाई पड़े। माना जा रहा है कि इनकी मौत भूख प्यास से तड़प कर हो गई है। हालांकि अब गोवंश की मौत पर कोई बोलने को तैयार नहीं है।