समोधपुर से बाबा धाम तक निकली श्रद्धा की गूंज

  • दीपक प्रेमी, सुल्तानपुर

“कदम-कदम पर फूल बिछे हों, ये मांग नहीं है भोले से,
काँटों भरे रास्ते में भी साथ न छोड़े ये आस है भोले से…”

समोधपुर। श्रावण मास की पुण्य बेला में बाबा रामयज्ञदास जी महाराज की तपोभूमि समोधपुर एक बार फिर शिवभक्ति के रंग में रंग गई। बोल बम कांवरिया संघ के बैनर तले सैकड़ों श्रद्धालु हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी बाबा बैद्यनाथ धाम (देवघर) जलाभिषेक हेतु रवाना हुए।

यात्रा की शुरुआत बाबा रामयज्ञदास जी महाराज के दर्शन एवं आशीर्वाद के साथ हुई। श्रद्धालुओं ने सर्वप्रथम प्राचीन शिव मंदिर में मत्था टेककर भगवान शिव का पूजन किया। इसके पश्चात सभी कांवरियों ने विजेथुआ महावीरन में विराजमान दक्षिणमुखी हनुमान जी का दर्शन कर, धार्मिक उत्साह के साथ यात्रा का अगला चरण प्रारंभ किया।

कांवड़ यात्रा में सम्मिलित युवाओं के चेहरों पर भक्ति की अद्भुत आभा और “बोल बम” के जयघोषों से वातावरण गुंजायमान होता रहा। यह यात्रा केवल जल चढ़ाने का माध्यम नहीं, बल्कि श्रद्धा, संयम और सेवा का जीवंत उदाहरण बन चुकी है।

धर्म यात्रा पूर्ण होने के उपरांत बोल बम कांवरिया संघ द्वारा हर वर्ष की तरह इस बार भी प्राचीन शिव मंदिर परिसर में विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों शिवभक्तों ने प्रसाद ग्रहण कर पुण्य लाभ अर्जित किया। आयोजन की व्यवस्था अनुशासनपूर्वक और सेवा भाव से सम्पन्न हुई, जिसमें स्थानीय ग्रामवासियों और भक्तों का विशेष सहयोग रहा।

संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि यह यात्रा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक एकता और सेवा भाव का भी संदेश देती है। बाबा रामयज्ञदास जी की प्रेरणा से प्रारंभ हुआ यह आयोजन आज जन-जन की आस्था बन चुका है।

“भोले के दर पर जो जाता है, वो खाली हाथ नहीं लौटता…”

ऐसे आयोजनों से समाज में श्रद्धा की लौ और भी प्रखर होती है। समोधपुर की यह परंपरा निश्चित ही आने वाले वर्षों में और भी विराट स्वरूप लेती रहेगी।