देश

वेस्ट बंगाल और झारखण्ड में ईडी के छापे

ई रेडियो इंडिया ब्यूरो

प्रवर्तन निदेशालय यानि ईंडी ने मंगलवार को बांग्लादेशी नागरिकों की कथित अवैध घुसपैठ से जुड़ी धन शोधन जांच के सिलसिले में पश्चिम बंगाल और चुनावी राज्य झारखंड में कईं स्थानों पर छापेमारी की और एजेंसी ने अपने एक्स अकाउंट पर दोपहर करीब तीन बजे एक बयान जारी करके दावा किया कि उसने छापेमारी के दौरान आधार कार्ड, जाली पासपोर्ट, अवैध हथियार, अचल संपत्ति के दस्तावेज, नकदी, आभूषण, आधार में जालसाजी के लिए इस्तेमाल किए गए प्रिंटिग पेपर और मशीनें तथा खाली प्राोफार्मा जैसी आपत्तिजनक सामग्री बरामद की हैं। निश्चित रूप से ईंडी को मिली ये सभी वस्तुएं नितान्त आपत्तिजनक हैं और देश के हर उस नागरिक के लिए चिन्ताजनक हैं खुराफात और षड्यंत्रकारी प्रवृत्ति को देश के लिए घातक मानते हैं। एजेंसी द्वारा बहादुरी से इन आपत्तिजनक सामग्री को बरामद करने में प्दर्शित साहस की प्राशंसा भी की जानी चाहिए। इससे घुसपैठ कराने वाले गिरोह पर नियंत्रण लगाया जाना संभव है। किन्तु सवाल है कि ईंडी ने जब झारखंड में छापेमारी की तो उसे इस बात का एहसास नहीं हुआ कि तीसरे दिन ही राज्य में चुनाव होने वाला है। पश्चिम बंगाल में छापेमारी हुईं ही इसलिए क्योंकि एजेंसी को यह जवाब देने में सरलता और सहजता होगी कि उसने तो उस राज्य में भी छापेमारी की जहां पर चुनाव नहीं है। वास्तविकता यह है कि इस तरह के ऐसे कृत्यों से एजेंसी से ज्यादा सरकार की बदनामी होती है। एजेंसी ने जो कार्रवाईं मंगलवार यानि 12 नवम्बर को की, वही कार्रवाईं एक महीना पहले या चुनाव के एक महीने बाद करती तो कोईं यह आपत्ति नहीं उठाता कि सरकार ने डी का दुरुपयोग झारखंड में चुनाव को प्रभावित करने के लिए किया है। लेकिन अब यही कहा जा रहा है कि चुनाव के ठीक पहले छापेमारी की गईं क्या यह राजनीतिक दबाव के लिए अपनाया गया हथकंडा तो नहीं!

सच पूछें तो हमारी जांच एजेंसियां बहुत ही प्रोफेशनल तरीके से जांच करती हैं। इनकी जांच इतनी सटीक और व्यापक इंडीकेटर पर आधारित होती है कि आरोपी के लिए खुद को निर्दोष साबित कर पाना बहुत ही मुश्किल होता है। ईंडी ने सरकार के राजकोष में आर्थिक अपराधियों से बरामद किए गए अकूत धन को जमा कराया है। लेकिन जब वह अच्छा काम गलत समय पर करती हैं तो पूरे देश में निन्दा के पात्र भी बनती हैं।

भारत एक लोकतांत्रिक देश है। दावा किया जाता है कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। इस संवैधानिक गरिमा का महिमामंडन हमें सुख और संतोष प्रदान करता है किन्तु जब छोटी-छोटी बात के लिए लोकतांत्रिक प्रक्रिया बिल्कुल के तहत ही चुनी सरकार और उसके तहत काम करने वाली एजेंसी के आशय पर सवालिया निशान खड़ा होता है तो किसी न किसी रूप में हमारी लोकतांत्रिक मर्यांदा का भी क्षरण होता है। घुसपैठियों के प्रति दुनिया के कई देश बहुत कठोरता से कार्रवाई करते हैं। भारत में पहले इस बात पर चिन्ता नहीं की ग इसलिए घुसपैठियों ने बड़े आराम से अवैध कार्यो में सक्रिय होकर आपराधिक साम्राज्य खड़ा कर लिया। लेकिन उनके खिलाफ कार्रवाईं की इस घटना से इस बात का स्पष्ट एहसास होता है कि घुसपैठियों के प्ति सरकार की सक्रियता बोध का आशय ज्यादा है ताकि घुसपैठिया विरोधी मतदाताओं को केन्द्र सरकार के इस दावे पर विश्वास हो जाए कि उनकी पार्टी के सत्ता में आने पर वह घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाईं जरूर करेंगे।

News Desk

आप अपनी खबरें न्यूज डेस्क को eradioindia@gmail.com पर भेज सकते हैं। खबरें भेजने के बाद आप हमें 9808899381 पर सूचित अवश्य कर दें।

Share
Published by
News Desk

Recent Posts

संविधान समिति तय करेगी प्रेस क्लब मेरठ की रूप-रेखा

Press Club Meerut को लेकर लगभग 150 पत्रकारों ने हुंकार भरी। कार्यक्रम लगभग डेढ बजे…

3 hours ago

यूक्रेन को उसके की शांति समझौता में नहीं बुलाया

एडिलेड। सऊदी अरब में अमेरिकी और रूसी अधिकारियों के बीच इस हफ्ते होने वाली महत्वपूर्ण…

5 days ago

भारत टेक्स 2025: ग्लोबल टेक्सटाइल कंपनियों के लिए भारत बना भरोसेमंद बाजार

नई दिल्ली। सरकार ने कहा है कि भारत के 5एफ विजन – फार्म (खेत) से…

1 week ago

भारत बनेगा परमाणु ऊर्जा का पावरहाउस: केंद्रीय मंत्री

नई दिल्ली। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि ‘विकसित…

1 week ago

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़, 18 की मौत

नई दिल्ली। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर बड़ा हादसा हो गया है। यहां महाकुंभ की…

1 week ago

KMC Cancer Hospital में कैंसर गोष्ठी आयोजित

KMC Cancer Hospital में अन्तर्राष्ट्रीय ओएमएफ डे के अवसर पर कैंसर गोष्ठी का आयोजन किया…

1 week ago

This website uses cookies.