मेरठ। बागपत बाईपास क्रॉसिंग राष्ट्रीय राजमार्ग 58 स्थित एमआईईटी में विश्व स्वास्थ्य दिवस के मौके पर निशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर और राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ एमआईईटी के चेयरमैन विष्णु शरण, वाइस चेयरमैन पुनीत अग्रवाल, डायरेक्टर डॉ अरुण पर्वते, डीन एकेडेमिक डॉ जी.जी शास्त्री, मुख्य अतिथि अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ पूजा शर्मा, विशिष्ट अतिथि डॉ सीमा मलिक, एक्सिस बैंक प्रदीप शर्मा,पिनकशी फाउंडेशन से मीनाक्षी राणा, सीमा पवार, पूनम राणा,एमआईईटी वूमेन सेल की अध्यक्ष प्रोफेसर बलविंदर बेदी, प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर सोनल अहलावत,गरिमा अग्रवाल, डॉ. आशिमा कथूरिया ने दीप प्रज्वलित एवं सरस्वती वंदना से किया।
मुख्य अतिथि अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ पूजा शर्मा ने कहा की जब तक हम पीरियड्स को एक सामान्य और बायॉलजिकल प्रॉसेस नहीं मानेंगे तब तक अपने समाज से ऐसी रूढ़ियों को दूर करना संभव नहीं है, जिनमें महिलाओं को पीरियड्स के दौरान उपयोग किए जानेवाले कपड़े भी अंधेरे में धोने होते हैं। ताकि कोई उन्हें ऐसा करते हुए देख ना ले। यहां तक कि महिलाएं इन कपड़ों को सुखाती भी साड़ी और दुपट्टे के नीचे हैं ताकि उन पर किसी की नजर ना पड़े। सोच से जुड़ी से सब सामाजिक दिक्कतें महिलाओं की सेहत को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाती हैं। कई बार तो उन्हें पता भी नहीं चल पाता है कि उनके कंसीव ना कर पाने यानी मां ना बन पाने का कारण पीरियड्स के दौरान उचित सफाई और हाइजीन का अभाव है। पीरियड्स के दौरान होनेवाला इंफेक्शन कभी-कभी इतना गंभीर हो जाता है कि यूट्रस यानी बच्चेदानी तक फैल जाता है।
विशिष्ट अतिथि डॉ सीमा मलिक ने मासिक धर्म के दौरान महिलाओं का स्वास्थ्य विषय पर विस्तार से छात्र-छात्राओं के बीच अपने विचार रखे और उनके प्रश्नों का जवाब देकर उनकी जिज्ञासा को शांत किया। उन्होंने कहा कि महिलाओं में मासिक धर्म एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। ये सिर्फ सामान्य प्रक्रिया नहीं है, बल्कि प्रजनन के लिए भी अति आवश्यक है। अफसोस की बात है कि एक नितांत प्राकृतिक प्रक्रिया को धर्म और संस्कृति का अमलीजामा पहनाकर, उसे बहुत जटिल और अस्वास्थ्यकर बना दिया गया है। जिस कारण लाखों महिलाएं और विशेषकर किशोरियों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
इस दौरान महिलाओं की व्यक्तिगत स्वच्छता, मासिक धर्म के दौरान महिलाओं का स्वास्थ्य, हार्मोन: भूमिका और प्रभाव आदि विषयों पर प्रख्यात शिक्षाविदों एवं चिकित्सकों द्वारा विचार व्यक्त किए गए और साथ ही सेनेटरी पैड भी बालिकाओं को दिए गए।
इस दौरान सीएफओ स्वाति गोयल, एमआईईटी वूमेन सेल की अध्यक्ष प्रोफेसर बलविंदर बेदी, निधि चौधरी, कविता चौधरी, आशिमा कथूरिया, गरिमा अग्रवाल, निधि गुलाटी, श्वेता शुक्ला और प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर सोनल अहलावत उपस्थित रहे।