नई दिल्ली। हरियाणा के मेवात जिले के नूंह में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद जमीअत उलमा-ए-हिंद का प्रतिनिधिमंडल जमीअत अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी के निर्देश पर लगातार राहत कार्यों, सर्वेक्षण और कानूनी कार्रवाई में लगा हुआ है। इसके लिए जमीअत ने रिलीफ कमेटी, लीगल सेल और सर्वे कमेटियों का गठन किया है।
अपनी पड़ताल के बाद प्रतिनिधिमंडल ने दावा किया है कि मुसलमानों के कई धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया गया। प्रतिनिधिमंडल ने 13 ऐसी प्रभावित मस्जिदों का दौरा किया है। उसके अनुसार केवल पलवल में 6 मस्जिदें जलाई गई हैं। होडल में तीन, सोहना में तीन और गुरुग्राम में एक मस्जिद जलाई गई है। गुरुग्राम मस्जिद में नायब इमाम की हत्या भी कर दी गई।
जमीअत उलमा-ए-हिंद द्वारा गठित प्रतिनिधिमंडल ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि प्रशासन ने गैर-कानूनी रूप से उल्टे मुसलमानों के घरों और दुकानों को ही ध्वस्त कर दिया है। इसके विपरीत मुसलमानों के घरों को जलाने और उनके धार्मिक स्थलों, पवित्र कुरान का अपमान करने वाले, मस्जिद में मौजूद इमाम और तब्लीगी जमात पर हमला करने वाले खुलेआम घूम रहे हैं और उनके घर-बार भी सुरक्षित हैं।
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व मौलाना हकीमुद्दीन कासमी, महासचिव जमीअत उलमा-ए-हिंद कर रहे हैं। प्रतिनिधिमंडल में सीनियर आर्गेनाइजर मौलाना गय्यूर अहमद क़ासमी और कारी नौशाद आदिल, क़ारी असलम बडीडवी, मौलाना साजिद राजोपुर, वकील यासिर अराफात, मौलाना साबिर मज़ाहरी, मौलाना शाहिद, मौलाना शेर मोहम्मद मिफ्ताही, मौलाना जमील शामिल हैं। प्रतिनिधिमंडल ने बहादुरी के साथ होडल की बाजार वाली और ईदगाह वाली मस्जिद का दौरा किया, जहां हर जगह सन्नाटा पसरा हुआ है।
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