- राजेश अवस्थी (वरिष्ठ पत्रकार)
महाराष्ट्र की मुंबई उत्तर मध्य सीट पर इस बार मुकाबला कानून और सियासत के दो विशेषज्ञ पंडितों के बीच है। भाजपा ने पूनम महाजन का टिकट काटकर मुंबई टेरिरिस्ट अटैक के आरोपी अजमल कसाब को फांसी तक पहुंचाने वाले सरकारी अधिवक्ता उज्जवल निकम को उतारकर सियासी गर्मी बढ़ा दी है।
वहीं कांग्रेस ने पार्टी की मुंबई इकाई की अध्यक्ष और धारावी से चार बार विधायक रहीं वर्षा गायकवाड़ को चुनावी रण में उतारा है। इस सीट से एआईएमआईएम के टिकट पर रमजान चौधरी के उतरने से मामला त्रिकोणीय हो गया है। कांग्रेस का गढ़ रही इस सीट पर पहली बार 2014 के चुनाव में दिग्गज भाजपा नेता रहे प्रमोद महाजन की बेटी पूनम महाजन ने सेंध लगाई थी।
- महाराष्ट्र की मुंबई उत्तर मध्य सीट पर है कड़ा मुकाबला
- कानून और सियासत के पंडित आमने सामने
- एआईएमआईएम प्रत्याशी के कारण मुकाबला हुआ त्रिकोणीय
2019 के चुनाव में भी उन्होंने जीत दर्ज की। पार्टी ने इस बार निकम को मैदान में उतारा है। उज्जवल निकम को कानूनी क्षेत्र में अपने योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। अब उनके सामने इस लोकसभा क्षेत्र में भाजपा को लगातार तीसरी बार जीत दिलाने का चैलेंज है। आंकड़ों के अनुसार इस लोकसभा क्षेत्र में 17 आम चुनाव और एक बार उपचुनाव हुआ है। इसमें आठ बार कांग्रेस, तीन बार सीपीआईं, तीन बार शिव सेना, दो बार भाजपा जीती है। यहां से एक बार आरपीआईं और जनता पार्टी ने भी जीत दर्ज की है।
महाराष्ट्र के प्रमुख लोकसभा क्षेत्रों में शामिल मुंबईं उत्तर मध्य सीट पर तीन लाख मुस्लिम वोटर हैं। कुल वोटर करीब 17 लाख हैं। सियासी जानकारों का कहना है कि इस सीट पर अलग-अलग विचारधारा के वोटर का मन जानना उम्मीदवारों के लिए चैलेंज है। प्रमुख चुनावी मुद्दों की अगर हम बात करें तो स्थानीय लोग यातायात और परिवहन व्यवस्था में सुधार चाहते हैं। वे प्रदूषण को सबसे बड़ी चुनौती मानते हैं। झुग्गी-झोपिड़यों के इलाकों में विकास की मांग है।
इसके साथ ही मेट्रो रेल के साथ एसी लोकल ट्रेन के काम में तेजी लाने की मांग जोरों पर है। इसका दायरा बढ़ाने की भी मांग हो रही है।
भाजपा उम्मीदवार उज्जवल निकम ने कानून की दुनिया में परचम लहराने के बाद सियासी पिच पर जिंदगी की दूसरी पारी की शुरुआत की है। नामांकन के लिए उन्होंने सरकारी अधिवक्ता के पद से त्यागपत्र दे दिया है। अपने पास मौजूद 29 मुकदमों को भी उन्होंने छोड़ दिया है। महाराष्ट्र के जलगांव के निवासी निकम ने 1979 से वकालत की प्रैक्टिस शुरू की थी। मुंबई सीरियल बम विस्फोट में इन्हें पहली बार विशेष सरकारी अधिवक्ता नियुक्त किया गया था। वर्षा गायकवाड़ दो बार सांसद रहे स्वर्गीय एकनाथ गायकवाड़ की बेटी हैं।
गायकवाड़ कुल चार बार धारावी से विधायक रही हैं। कांग्रेस ने उन्हें दलित चेहरे के रूप में उतारा है। वर्षा मुंबईं के सिद्धार्थ कॉलेज आफ आर्ट्स में प्रवक्ता हैं। उनका कहना है कि यह चुनाव लोकतंत्र और संविधान बचाने की जंग है।’ फिलहाल अब तो चार जून के बाद ही पता चल पाएगा कि इस चुनावी जंग में कौन जीत का परचम लहराने में कामयाब हो पाएगा।