दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक राष्ट्र में लोकसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है। ऐसे में चुनावी रेस में केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानि NDA का घोड़ा सबसे आगे है। इस बार विपक्षी इंडी गठबन्धन की सुगबुगाहट मन्द होती जा रही है।
बिहार के मुख्यमंत्री एवं जद मुखिया नीतीश कुमार के NDA में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने के बाद बिहार की उठापटक थम गईं है। नीतीश अब इंडी गठबन्धन को पटखनी देंगे।
पटना में लालू और तेजस्वी के साथ बैठक में भाजपा को हराने की रणनीति बनाई गई। भाजपा विरोधी इंडी गठबंधन की धुरी अखिलेश और केजरीवाल के इर्दगिर्द घूमती दिखाई दे रही है, न्हा क्योंकि ये दल ही कांग्रेस के नजदीक है। मायावती अपने दम पर चुनाव लड़ेंगी। उन्होंने लोकसभा चुनाव के लिए अलग से कोई तिकड़मबाजी नहीं की है। उत्तर प्रदेश में दावे सभी कर रहे हैं कि इंडी का भविष्य अंधकारमय लग रहा है। महाराष्ट्र की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे नई दिल्ली में अमित शाह से मिले।
उधर हाल ही में शिवसेना ने भाजपा का बखान किया था। हालांकि, अभी तक हाथ नहीं मिलाया है। देर सवेर हिन्दू सम्राट उद्धव ठाकरे भाजपा में शामिल होने की तैयारी में है। हिन्दू ह्दय सम्राट बाल ठाकरे ने मोदी को शेर कहा था। उनके नक्शेकदम पर उद्धव ठाकरे है। उनके पिता उनके लिए देवता समान थे। उम्मीद है कि इस बार बाला साहेब की इच्छा पर उद्धव ग्रहण नहीं लगाएंगे। अघाड़ी से सरकार बनाना उद्धव ठाकरे की एक भूल हुई है, क्योंकि उद्धव ठाकरे के पिता बाल ठाकरे का महाराष्ट्र की राजनीति में सिक्का चलता था। शेर की दहाड़ के समक्ष दिल्ली हमेशा खामोश रही।
राहुल की विडम्बना यह है कि वह जनता में कांग्रेस की पैठ मजबूत करने में नाकाम रहे हैं। कांग्रेस सन 1948 से भ्रष्टाचार करती आ रही थी। सन् 2013 तक उसके नेताओं ने बड़े बड़े घोटाले किये। उसके लिए कौन जिम्मेदार है। पार्टी के भ्रष्टाचारी नेताओं की बड़ी लिस्ट है।
यह एक सोच का विषय है कि आखिर किस तरह मतदाता कांग्रेस पर भरोसा करें। आरक्षण का दांव और पिछड़ा आदिवासी और ओबीसी के दर्जे पर हर एक पार्टी की नजर है। जैसे जैसे चुनाव नजदीक आता जा रहा है, वैसे वैसे सियासी समीकरण बनते बिगड़ते जा रहे हैं। सत्ता की दौड़ में सियासी पार्टियों की नींद उड़ती जा रही है। जिस गठबंधन के जोर पर कांग्रेस सत्तारूढ़ एनडीए को चुनौती दे रही थी। आज वो ही कांग्रेस कमजोर होते गठबंधन पर आंसू बहाना नहीं भूलती है।