नई दिल्ली, अर्चना सिंह
16 दिसंबर 2022 को एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर नई दिल्ली में भारत रत्न, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक महान स्वतंत्रता सेनानी महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी की 161 वी जयंती पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन मालवीय मिशन,(इंद्रप्रस्थ) द्वारा किया गया जिसमें देश के प्रतिष्ठित शिक्षाविद, चिंतक, सामाजिक विचारक, वरिष्ठ अधिकारी, प्रखयात डॉक्टर व अधिवक्ताओं, आदि प्रतिष्ठित महानुभवो ने कार्यक्रम में उपस्थित होकर कार्यक्रम की शोभा को बढ़ाया।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सांसद सुधीर गुप्ता, अभिनेता व सांसद मनोज तिवारी, मध्य प्रदेश के सांसद डामोर जी और बालाघाट से सांसद ढाल सिंह बिसेन जी रहे महामना मालवीय मिशन के अध्यक्ष हरिशंकर सिंह महामना मालवीय मिशन का गौरवशाली इतिहास बताया और देश भर में चल रहे विभिन्न प्रकल्प के बारे में बताया।
महामना मालवीय मिशन के प्रतिष्ठित महामना वांग्मय के बारे में विस्तृत चर्चा की और बताया कि पूरे देश में मालवीय जी के सभी पत्र और सभी प्रकार के दस्तावेजों को पूर्ण साक्ष्य के रूप में निकाला जा रहा है जिसके फलस्वरूप देश के जितने भी राजघरानों से उन्होंने सहायता व सहयोग लिया उन सबका समग्र रूप से तैयार करने का संकल्प लिया।
इंद्रप्रस्थ के अध्यक्ष डॉ सीपी त्रिपाठी जी मालवीय जयंती, पर आए सभी सांसद प्रतिष्ठित विशिष्ट अतिथियों का स्वागत किया।
कार्यक्रम संयोजक एवं महासचिव शरद श्रीवास्तव जी ने महामना मालवीय मिशन में चल रहे प्रकल्प गाड़िया लोहार उत्थान के बारे में सबको बताया और आवाहन किया कि आजादी के 75वें अमृत महोत्सव में महामना जी के विचार आज और भी अधिक प्रासंगिक है। सब का कर्तव्य बनता है कि देश में जो भी पिछड़े वर्ग के लोग हैं उनको आज मूल भूत शिक्षा के माध्यम से उनके परिवार को उत्थान के लिए संकल्प कई प्रकल्प लिए जाएंगे। कार्यक्रम में मौजूद विशिष्ट अतिथियों का सम्मान किया गया जिन्होंने समाज में समाज के उत्थान में बड़ी भूमिका निभाई।
महासचिव वेद प्रकाश सहित आदि गणमान्य लोगों ने महामना मालवीय जी की जयंती पर उनके महान कार्य जीवन दर्शन को आत्मसात करने का आवाहन किया|
सांसद सुधीर गुप्ता ने मालवीय जी के जीवन की प्रत्येक घटना को आज की समस्याओं का समाधान बताया एवं मालवीय जी को समग्र व्यक्तित्व वाला बताया| सांसद मनोज तिवारी ने बताया कि बीएचयू के कुल गीत में भारत की समस्त संस्कृति का सार है| मालवीय जयंती पर आए कई राज्यों के प्रतिनिधि ने भरपूर आनंद लिया और महामना के विचारों को सुनकर नई ऊर्जा की अनुभूति की।