नई दिल्ली। मानसून सत्र के तीसरे दिन संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही मणिपुर मुद्दे को लेकर बाधित रही। कांग्रेस सहित विपक्षी दल मणिपुर मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में चर्चा की मांग कर रहे हैं। इस मुद्दे पर राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को कहा कि विपक्षी दल चाहते हैं कि मणिपुर मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में विस्तार से चर्चा हो लेकिन सरकार के एक मंत्री कहते हैं कि इस मुद्दे पर अल्पकालीन चर्चा होगी और दूसरे मंत्री कहते हैं कि आधे घंटे की चर्चा होगी।
खड़गे ने कहा कि विपक्ष नियम 267 के तहत सदन में चर्चा चाहता है। इस नियम के तहत सदन में चर्चा घंटों तक चल सकती है। उन्होंने कहा कि पहले प्रधानमंत्री का विस्तृत बयान हो और उसके बाद 267 के अंतर्गत संसद में बहस होनी चाहिए। खड़गे ने आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी सरकार और भाजपा मणिपुर पर अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी और जवाबदेही से भाग रही है ।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि मणिपुर मुद्दे पर अगर प्रधानमंत्री मोदी संसद में जवाब दें तो अच्छा रहेगा। सपा सांसद जया बच्चन ने कहा कि मणिपुर मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा हो रही है लेकिन हमारे देश में इस मुद्दे पर चर्चा नहीं हो रही है। यह हमारे लिए शर्म की बात है। सांसद संजय राउत ने कहा कि मणिपुर हिंसा पर सदन में चर्चा होनी चाहिए। इस मुद्दे पर सरकार से सवाल पूछने का हमारा अधिकार है। हम चाहते हैं कि सदन की पूरी चर्चा प्रधानमंत्री मोदी सुनें और बाद में जवाब दें।
तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि मणिपुर से जो वीडियो सामने आया है वह बेहद परेशान करने वाला है। सरकार को सदन में इस मुद्दे पर चर्चा करानी चाहिए लेकिन सरकार मामले से ध्यान भटकाने का प्रयास कर रही है। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि मणिपुर मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी को संसद के दोनों सदनों में जवाब देना चाहिए।