- न्यूयॉर्क ।
अमेरिकी नागरिक वर्जीनिया रॉबर्ट्स गिफ्रे ने आरोप लगाया था कि 2001 में जब वह 17 साल की थीं, तब प्रिंस एंड्र्यू ने उनका यौन शोषण किया था।ब्रिटेन के प्रिंस एंड्र्यू ने अपने ऊपर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली महिला वर्जीनिया रॉबर्ट्स गिफ्रे के साथ समझौता कर लिया है। वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया में रहनेवाली अमेरिकी नागरिक वर्जीनिया ने प्रिंस एंड्र्यू पर यह आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था कि उन्होंने वर्जीनिया का तब यौन उत्पीडऩ किया था, जब वह नाबालिग थीं। फेडरल कोर्ट में दायर की गई सूचना में वर्जीनिया के वकील डेविड बोइस ने बताया कि दोनों ही पक्षों के वकील एक सैद्धांतिक समझौते पर पहुंचे हैं। कोर्ट में दायर किए गए एक पत्र में बोइस समेत दोनों ही पक्षों के सभी वकीलों के दस्तखत हैं। इस पत्र में जज से सभी समय-सीमाएं निलंबित करने और मामला होल्ड पर रखने का आग्रह किया गया है। क्या बातें हुईं समझौते में पत्र में यह भी लिखा है कि दोनों ही टीमें अगले महीने तक केस रद्द करने की गुजारिश करेंगी। न्यूयॉर्क की एक अदालत में जज के सामने यह समझौता पेश किए जाने से अब मुकदमे की कार्रवाई आगे नहीं बढ़ेगी। यह मामला आगे बढऩे पर ब्रिटेन के शाही परिवार के लिए और फजीहत का सबब बन सकता था।
समझौते के तहत एंड्र्यू से वर्जीनिया की चैरिटी में एक अच्छी-खासी रकम दान करने के लिए भी कहा गया है। बोइस ने अदालत में जो पत्र दाखिल किया है, उसका एक हिस्सा कहता है, प्रिंस एंड्र्यू पीडि़तों के अधिकारों के समर्थन में वर्जीनिया की चैरिटी को पर्याप्त दान देने का इरादा रखते हैं। प्रिंस एंड्र्यू का कभी भी वर्जीनिया का चरित्र खराब करने का इरादा नहीं था। वह स्वीकार करते हैं कि वर्जीनिया को उत्पीडऩ और अनुचित सार्वजनिक हमलों का शिकार होना पड़ा है यह भी पढ़ें: ब्रिटेन की महारानी के बेटे पर लगा यौन शोषण का मामला क्या है? हालांकि, वर्जीनिया की ओर से अभी कोई बयान नहीं आया है कि वह समझौते पर सहमत क्यों हो गईं। इस पत्र में उस रकम का भी जिक्र नहीं किया गया है, जो प्रिंस एंड्र्यू दान में देने वाले हैं। वर्जीनिया ने आरोप लगाया था कि जेफ्री एप्सटीन की दोस्त गिजलीन मैक्सवेल ने उन्हें प्रिंस एंड्र्यू से मिलवाया था। क्या है एंड्र्यू के खिलाफ मामला ब्रिटेन की महारानी के; सबसे पसंदीदा बेटे; कहे जाने वाले प्रिंस एंड्र्यू पर वर्जीनिया ने आरोप लगाया था कि 2001 में जब वह 17 साल की थीं, तब एंड्र्यू ने उनका यौन उत्पीडऩ किया था। एंड्र्यू के वकीलों ने अदालत में कोशिश की थी कि अदालत यह मामला खारिज कर दे, लेकिन जज ने ऐसा नहीं किया। मुकदमा दायर होने के बाद प्रिंस एंड्र्यू ने अपनी शाही पदवी और जिम्मेदारियां छोड़ दी हैं।
इसके बाद बकिंघम पैलेस की ओर से बयान जारी करके कहा गया था, ड्यूक ऑफ यॉर्क अपनी सभी सार्वजनिक जिम्मेदारियों से मुक्त किए जाते हैं। अब वह एक आम नागरिक की तरह मुकदमे में अपना बचाव करेंगे यह भी पढ़ें: राजकुमारी डायना के बीबीसी साक्षात्कार पर जांच रिपोर्ट का इंतजार इस मामले में जेफ्री एप्सटीन का नाम आया था। यौन अपराध के कई मामलों में दोषी अमेरिकी अरबपति जेफ्री एप्स्टीन ने 2019 में खुदकुशी कर ली थी। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपतियों बिल क्लिंटन और डॉनल्ड ट्रंप के करीबी बताए जाने वाले एप्सटीन की लाश जेल की बैरक में मिली थी। एप्स्टीन को बच्चों से यौन संबंध बनाने का दोषी भी पाया गया था। एंड्र्यू ने किया था इनकार प्रिंस एंड्र्यू ने वर्जीनिया के आरोपों से इनकार करते हुए कहा था कि उन्हें गिफ्रे से मिलने का कोई मौका याद नहीं है। उन्होंने एप्सटीन के साथ अपनी दोस्ती का भी बचाव किया था।
तमाम चैरिटी और संगठनों ने एंड्र्यू से किनारा कर लिया। इसके बाद वह कम ही मौकों पर सार्वजनिक रूप से नजर आए। यह भी पढ़ें: मौत के 20 साल बाद भी दिलों की मल्लिका हैं डायना प्रिंस एंड्र्यू 1978 में रॉयल नेवी की एविएशन ब्रांच में शामिल हुए थे। 1981 में उन्हें बतौर वाइस-लेफ्टिनेंट नियुक्त किया गया था। 1982 में वह फॉकलैंड द्वीप समूह को लेकर हुए युद्ध में शामिल रहे हैं। 1982 में अर्जेंटीना ने ब्रिटेन से हजारों किलोमीटर दूर अपने पड़ोस में स्थित फॉकलैंड द्वीप समूह पर हमला किया था। तब जिस एयरक्राफ्ट कैरियर से अर्जेंटीना का मुकाबला किया गया था, प्रिंस एंड्र्यू भी उसके साथ थे।