Noida Film City Project
Noida Film City Project: यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी से बड़ी खबर है। नोएडा फिल्म सिटी परियोजना(Noida Film City Project) की राह की सारी बाधाएं दूर हो गई हैं। Noida Film City Project को लेकर एक बड़ा बयान सामने आया है और ये बयान खुद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया है। बुधवार को इस परियोजना को लेकर उन्होंने कहा कि आने वाले 6 महीने में इसका काम पूरा हो जाना चाहिए।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार यानी 3 अगस्त को कहा कि Noida Film City Project को छह माह में धरातल पर उतारा जाना चाहिए। बुधवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि लोकभवन में फिल्म सिटी परियोजना के संबंध में मुख्यमंत्री ने एक उच्चस्तरीय बैठक की।
इस दौरान यमुना विकास प्राधिकरण के अफसर भी बैठक में योगी आदित्यनाथ के सामने मौजूद रहे। देशभर की फिल्म इंडस्ट्री से आए सुझावों के बारे में मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई। योगी आदित्यनाथ ने इन सुझावों को परियोजना में समाहित करके आगे बढ़ने का आदेश दिया है। खासतौर से तीन बड़े बदलाव किए गए हैं। यह जानकारी सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह ने दी है। उन्होंने बताया कि अगस्त के महीने में प्रोजेक्ट से जुड़ी औपचारिकताएं पूरी कर ली जाएंगी।
उन्होंने कहा कि छह महीने में Noida Film City Project को धरातल पर उतारा जाए क्योंकि उत्तर प्रदेश की धारणा को बदलने में फिल्म सिटी की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बाद फिल्म सिटी योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट है। जिस तरीके से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को लेकर यमुना विकास प्राधिकरण ने एक्शन प्लान तैयार किया था। उसी तरीके से फिल्म सिटी को लेकर हो रहा है। करीब 1000 एकड़ जमीन पर फिल्म सिटी का निर्माण किया जाएगा। इसको लेकर कार्य जोरों पर चल रहा है। बुधवार को योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में बैठक की। इस बैठक के दौरान फिल्म सिटी को लेकर काफी अहम चर्चा की गई।
यमुना विकास प्राधिकरण के सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह ने कहा, “यह एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा लागत वाली परियोजना है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली सचिव समिति बैठक करके प्रस्ताव पारित करेगी। प्रोजेक्ट की ग्लोबल बीडिंग अगस्त में होने की संभावना है।” उन्होंने आगे बताया कि फिल्म सिटी का दूसरा चरण 385 एकड़ में होगा। पूरा क्षेत्रफल 1000 एकड़ रहेगा। बाकी तीसरे चरण में डेवलपमेंट होगा।
दूसरे बदलाव प्रीमियम को लेकर किया गया है। यमुना अथॉरिटी ने सफल बिडर के लिए अग्रिम रूप से 116 करोड़ रुपये प्रीमियम देने का प्रावधान किया था इसके बाद रेवेन्यू शेयरिंग के आधार पर बिड लगानी थी। सबसे ज्यादा रेवेन्यू शेयर देने वाली कंपनी को प्रोजेक्ट दिया जाता। फिल्म इंडस्ट्री ने इस शर्त का विरोध किया।
सीईओ ने बताया, “फिल्म सेक्टर से ताल्लुक़ रखने वाले विशेषज्ञों और उद्यमियों ने कहा कि मंदी का दौर चल रहा है। कोई बैंक अभी पैसा देने के लिए तैयार नहीं है। इस क्लॉज को हटा दिया है। मुंबई और पिंजोर में प्रस्तावित फिल्म सिटी में भी अग्रिम भुगतान की व्यवस्था नहीं है। अब ग्रॉस रेवेन्यू में न्यूनतम पांच प्रतिशत शेयर हमें देना पड़ेगा। इससे आगे बोली लगानी होगी। जो कंपनी सबसे ज्यादा शेयर देगी, उसे प्रोजेक्ट दे दिया जाएगा। यह शेयरिंग आय पर नहीं होगी बल्कि बिलिंग पर रहेगी।”
प्रोजेक्ट में तीसरा बड़ा बदलाव लाइसेंस पीरियड और मॉरेटोरियम पीरियड में बढ़ोतरी है। अब सफल होने वाली कंपनी को लाइसेंस पीरियड 60 साल की बजाय 90 साल बढ़ाई जाएगी। मॉरेटोरियम पीरियड 4 साल से बढ़ाकर 7 साल किया जाएगा। मतलब, कंपनी शुरुआती 7 वर्षों तक यमुना अथॉरिटी को कुछ नहीं देगी। सात साल बाद रेवेन्यू शेयरिंग होगी।
सीईओ ने बताया, “फिल्म सिटी प्रोजेक्ट पर हम प्रति एकड़ एक करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च कर रहे हैं। हम पूरी परियोजना पर क़रीब एक हज़ार करोड़ रुपये खर्च करेंगे। न्यूनतम सबलीजिंग प्लॉट्स का साइज 10 हजार वर्ग मीटर का होगा। इससे छोटे साइज की सबलीजिंग करने के लिए यमुना अथॉरिटी का बोर्ड केस टू केस निर्णय ले सकता है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि नई चुनौती और नए परिदृश्य का आकलन करते हुए Noida Film City Project का विकास सुनिश्चित किया जाए तथा फिल्म सिटी के आकार को पहले जैसा रखते हुए चरणबद्ध तरीके से विकसित किया जाए। उन्होंने कहा कि विश्वस्तरीय फिल्म सिटी बनने से प्रदेश के साथ-साथ अन्य राज्य के कलाकारों को भी अवसर प्राप्त होगा और इससे वे अपने सपनों को प्रदेश में रहकर ही पूरा कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि Noida Film City Project के विकास से फिल्म निर्माताओं के साथ-साथ सीरियल निर्माताओं और रियलिटी शो निर्माताओं की भी पसंद यही फिल्म सिटी होगी जिससे राज्य के सेवा क्षेत्र, होटल उद्योग, पर्यटन क्षेत्र और अन्य क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। उन्होंने परियोजना के लिए आगे कहा कि फिल्म सिटी के आकार में किसी भी परिवर्तन को ना करते हुए इसे चरणबद्ध तरीके से ही पूरा किया जाना चाहिए।
बताया जा रहा है कि योगी आदित्यनाथ के सामने फिल्म सिटी की जमीन को लेकर मुद्दा उठा। इस पर योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से सवाल पूछा कि अभी तक कितने एकड़ जमीन सरकार के पास आ चुकी है तो अधिकारियों ने जवाब दिया कि अब तक 794 एकड़ जमीन फिल्म सिटी के लिए अधिग्रहण की जा चुकी है। बाकी 129 किसानों की फाइल लगी हुई है। योगी आदित्यनाथ ने इस दौरान अफसरों से कहा कि फिल्म सिटी से प्रभावित किसी भी किसान को परेशानी नहीं होनी चाहिए।
वहीं Noida Film City Project में निर्माताओं को अपने हिसाब से डिजाइनिंग करने की छूट दी गई है। वहीं मेकर्स द्वारा दिये गए फीडबैक के आधार पर इन बदलावों को किया जाएगा। फिल्म सिटी को बनाने के लिए 2021 में पहले टेंडर को जारी किया जाना था, लेकिन उस समय किसी ने इसमें रुचि नहीं दिखाई थी।
2021 के बाद इस टेंडर को रद्द करते हुए 2022 में फ्रेश टेंडर को जारी किया गया था। उस दौरान नियमों में भी काफी बदलाव किए गए थे। जिनमें लाइसेंस की अवधि 40 से बढ़ाकर 60 साल कर दी गई थी। इसके अलावा ओटीटी और मीडिया कंपनियों का भी टेंडर स्वीकर करने की बात कही गई थी लेकिन इसके बावजूद भी किसी कंपनी ने सही टेंडर नहीं भरा था।
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