नई दिल्ली। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने पुंछ हमले में बलिदान हुए जवानों को याद करते हुए कहा कि राष्ट्र से बढ़ कर कुछ नहीं है। सुप्रीम कोर्ट परिसर में पहली बार आयोजित क्रिसमस समारोह को संबोधित करते हुए चीफ जस्टिस ने कहा कि हमने पिछले दिनों अपने चार जवानों को खो दिया। आज जब हम क्रिसमस मना रहे हैं तो हमें अपने उन जवानों को नहीं भूलना चाहिए, जो सीमा पर मौजूद हैं। ये वो जवान हैं, जो देश के लिए अपना जीवन तक बलिदान कर देते हैं।
इस मौके पर चीफ जस्टिस ने कहा कि हम सभी की सबसे पवित्र पुस्तक देश का संविधान है। संविधान हमें सिखाता है कि देश के नागरिक के तौर पर हम सब एक हैं और हमें देश को बेहतर बनाना है। चीफ जस्टिस ने कहा कि क्रिसमस मनाते हुए हमें उन डॉक्टरों और नर्सों को नहीं भूलना चाहिए जो गंभीर रूप से बीमार मरीजों का इलाज कर रहे हैं। ये लोग अपने परिवार के साथ नहीं हैं। हम खुशकिस्मत हैं कि इस मौके पर हम अपने घरवालों के साथ हैं।
इस मौके पर चीफ जस्टिस ने वकीलों से आग्रह किया कि बिना जरूरत सुनवाई टालने के आग्रह न करें। चीफ जस्टिस ने कहा कि हमें लोगों की जरूरतों को समझना होगा। बहुत जरूरी होने पर केस को स्थगित करने का आग्रह करना समझ में आता है, पर ये यूं ही नहीं होना चाहिए। हमें चाहिए कि हम समाज को संदेश दें कि हम अपने काम के लिए गंभीर हैं। हम समाज में बेवजह हंसी का पात्र न बने। चीफ जस्टिस ने कहा कि इस साल हम वकीलों के सहयोग से 52 हजार केस का निपटारा करने में सफल रहे हैं। बिना बार के सहयोग को इतने केस का निपटारा सम्भव नहीं था। अगले साल हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि इससे भी ज्यादा केस का निपटारा हो सके।