- एडीजी ने तैयार किया ‘जारविस’, मिला सब इंस्पेक्टर रैंक
- महिला हेल्पलाइन और ट्रैफिक नियमों पर करेगा जागरूक
- एआई पीआरओ से बरेली ज़ोन में होगी स्मार्ट पुलिसिंग
बरेली। एडीजी रमित शर्मा ने बरेली जोन में आधुनिक तकनीक और नवाचार संबंधी अद्भुत नमूना प्रस्तुत किया है। उन्होंने एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित डिजिटल पीआरओ तैयार किया है, जिसका नाम ‘जारविस’ रखा गया है। जारविस सब-इंस्पेक्टर रैंक में होगा। जो कि बरेली ज़ोन में पुलिस संबंधी जनसंपर्क कार्य संभालेगा।
जारविस मदद से निर्देश, जन जागरूकता अभियान और कानून व्यवस्था से जुड़ी सभी जरूरी जानकारियां जनता तक तेज़ी से पहुंचाई जाएंगी। एडीजी रमित शर्मा ने इसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट माध्यम से जनता के सामने पेश किया, जिसके बाद यह पुलिस और डिजिटल इनोवेशन के क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया।
जारविस और डिजिटल रोल
जारविस का प्राथमिक उद्देश्य लोगों को ट्रैफिक नियमों, महिला सुरक्षा और अन्य जागरूकता अभियानों के प्रति सतर्क करना है। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी व्यक्ति ने सीट बेल्ट नहीं पहनी है या हेलमेट नहीं लगाया है, तो जारविस अपनी ऑडियो और वीडियो क्षमताओं का उपयोग करके तुरंत अलर्ट करेगा। यह न केवल लोगों को चालान से बचाएगा बल्कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में भी मददगार होगा।
जरूरी संदेश पहुंचाएगा जारविस
जारविस बरेली ज़ोन में प्रमुख चौराहों जैसे झुमका तिराहा, नावल्टी चौराहा, शील चौराहा और डीडीपुरम चौराहा पर तैनात होगा। यह ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों को संदेश देगा, जैसे: “मैडम, आपने सीट बेल्ट नहीं लगाई है, कृपया लगाएं। बिना सीट बेल्ट सफर करना खतरनाक हो सकता है।”
जारविस सिर्फ ट्रैफिक नियमों तक सीमित नहीं रहेगा। यह महिला हेल्पलाइन 1090, स्कूलों और कॉलेजों में युवाओं को जागरूक करने वाले कार्यक्रम, और महिला सुरक्षा से संबंधित अन्य अभियानों को भी प्रमोट करेगा।
पुलिसिंग में आधुनिक तकनीक चर्चा में
एडीजी रमित शर्मा ने कहा, “हमारी कोशिश है परंपरागत पुलिसिंग को आधुनिक तकनीक के साथ जोड़ा जाए। जारविस एआई आधारित तकनीक है, जो पुलिस और जनता के बीच संवाद तेज़ और प्रभावी बनाएगी। इससे न केवल जागरूकता बढ़ेगी, बल्कि लोगों का पुलिस पर विश्वास भी मजबूत होगा। यह तकनीक बरेली ज़ोन को स्मार्ट पुलिसिंग की दिशा में नई ऊंचाई तक ले जाएगी।”
डिजिटल युग में नया चेहरा
जारविस डिजिटल युग में पुलिसिंग का एक नया चेहरा है। इसके माध्यम से पुलिस की गतिविधियां जनता तक चंद मिनटों में पहुंचेंगी। ट्रैफिक नियमों के प्रति लोगों को जागरूक करना हो, या महिला सुरक्षा से जुड़े कार्यक्रमों को प्रमोट करना—जारविस हर पहलू में पुलिस का एक महत्वपूर्ण डिजिटल सहयोगी साबित होगा।
इस पहल को लोगों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है। हजारों लोग सोशल मीडिया पर जारविस की सराहना कर रहे हैं। यह कदम स्मार्ट पुलिसिंग दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।