रक्षामंत्री और लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह ने लखनऊ में चल रही नमामि गंगे परियोजना के तहत गोमती नदी में प्रदूषण नियंत्रण के लिए प्रादेशिक सेना (टीए) की एक अतिरिक्त कंपनी तैनात करने का निर्देश दिया है। इसमें पूर्व सैनिकों को तैनात किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह प्रस्ताव रक्षामंत्री के सामने रखा था, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है।
इस परियोजना का संचालन राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत जल शक्ति मंत्रालय की ओर से किया जा रहा है। इसका उद्देश्य गंगा और उसकी सहायक नदियों का कायाकल्प करना है। दरअसल, 2016 में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने अपने उद्देश्य को पूरा करने के लिए पूर्व सैनिकों को नियुक्त करके बेहतर परिणाम देने का निर्णय लिया था।
इसके बाद मई 2019 में पूर्व सैनिकों के मॉडल पर आधारित पहला समग्र पारिस्थितिकी कार्य बल 137 सीईटीएफ का गठन किया गया। इसका मुख्यालय प्रयागराज में है। हालांकि कानपुर, प्रयागराज और वाराणसी में एक-एक कंपनी तैनात है। बटालियन ने बहुत कम समय में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की ओर से सुधारात्मक कार्रवाई के लिए नालों की मैपिंग के साथ-साथ प्रदूषण निगरानी और आंकलन में योगदान दिया है। भाजपा महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी ने बताया कि कंपनी एक जनवरी 2025 से या फिर उससे पहले काम शुरू कर देगी।