- शुभांशु शुक्ला व तीन अन्य की 18 दिन बाद हो गई वापसी
- भारत बन गया दूसरा अंतरिक्ष यात्री भेजने वाला देश
- एक्सिओम-4 मिशन में शामिल हुए शुभांशु शुक्ला
एक्सिओम-4 मिशन में शामिल अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य की 18 दिन के प्रवास के बाद 22.5 घंटे की यात्रा करके मंगलवार को निश्चित समय पर धरती पर सकुशल वापसी देश के लिए गर्व की बात है। नासा और इसरो के सहयोग से हुए एक्सिओम-4 मिशन में शामिल हुए शुक्ला को अंतरिक्ष में जाने का जो अवसर मिला उसने न सिर्फ उनके व्यक्तिगत जीवन को बदलकर रख दिया बल्कि राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में दूसरा अंतरिक्ष यात्री भेजने वाला देश भारत भी बन गया।
उनका पूरा अभियान 20 दिन का था। तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ शुभांशु मंगलवार को धरती पर वापस लौटे। करीब 23 घंटे के सफर के बाद ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट की मंगलवार, 15 जुलाई को भारतीय समय के मुताबिक दोपहर तीन बजे कैलिफोर्निया के समुद्र में उतरा।
चारों अंतरिक्ष यात्री एक दिन पहले सोमवार की शाम करीब पौने पांच बजे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से पृथ्वी के लिए रवाना हुए थे। ये सभी अंतरिक्ष यात्री 26 जून को भारतीय समय के मुताबिक शाम चार बजे आईएसएस पर पहुंचे थे। एक्सिओम मिशन चार के तहत 25 जून को दोपहर करीब 12 बजे स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट से जुड़े ड्रैगन कैप्सूल में इन अंतरिक्ष यात्रियों ने कैनेडी स्पेस सेंटर से उड़ान भरी थी। उनकी वापसी की यात्रा शुरू होने के बाद लखनऊ में उनके माता पिता के साथ देश भर के लोग बेसब्री से उनकी सकुशल वापसी का इंतजार कर रहे थे।
शुभांशु की सकुशल वापसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं पूरे देश के साथ ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का उनकी ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा से पृथ्वी पर वापसी पर स्वागत करता हूं। शुभांशु ने अपने समर्पण, साहस से अरबों सपनों को प्रेरित किया है। यह हमारे अपने मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन, गगनयान की दिशा में एक और मील का पत्थर है’। गौरतलब है कि शुभांशु के आईएसएस पर पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे वीडियो कॉन्फ्रेंस पर बात भी की थी।
बहरहाल, शुभांशु 17 अगस्त तक भारत लौट सकते हैं। अंतरिक्ष यात्रियों को लैंडिंग के बाद आमतौर पर मेडिकल जांच और पुनर्वास के लिए सात दिन लगते हैं, ताकि वे पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण में फिर से ढल सकें। इसके बाद ही शुभांशु भारत लौटेंगे। 18 दिन तक आईएसएस पर रहने के दौरान शुभांशु ने 60 से ज्यादा वैज्ञानिक प्रयोगों में हिस्सा लिया। इनमें भारत के सात प्रयोग शामिल थे। उन्होंने मेथी और मूंग के बीजों को अंतरिक्ष में उगाया। स्पेस माइक्रोएल्गी प्रयोग में भी हिस्सा लिया। अंतरिक्ष में हड्डियों की सेहत पर भी प्रयोग किए।